नई दिल्ली। देश में यूजीसी के एक फैसले के चलते तकरीबन लाखों उन छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है जो डिस्टेंस लर्निंग कोर्सों जुड़े हैं। दरअसल यूजीसी ने 35 स्टेट और सेंट्रल यूनिवर्सिटी द्वारा कराए जा रहे डिस्टेंस लर्निंग कोर्सों की मान्यता रद्द कर दी है। यूजीसी के फैसले को वापस लेने के लिए संस्थानों को एक महीने का समय दिया गया है। इसी बीच उन्हें स्पष्टीकरण देना होगा।
गौरतलब है कि एक प्रतिष्ठत समाचार पत्र की खबरों के अनुसार यूजीसी की ओर से हाल ही में जारी बयान में कहा गया है कि 5 सालों से नियमित रूप से यूनिवर्सिटी जिन कोर्सों का संचालन नहीं कर रही हैं, उसकी मान्यता रद्द होगी।
इतना ही नही इसके साथ ही प्रोफेशनल कोर्स जैसे एमबीए, एमसीए, बीएड, होटल मैनेजमेंट और टूरिज्म आदि के लिए संबंधित रेग्युलेटरी अथॉरिटी से पहले मंजूरी लेनी होगी, उसके बाद ही मान्यता दी जाएगी। जिसके चलते आनन-फानन में कोर्स को रद्द किए जाने के भय से कई यूनिवर्सिटियों ने ऑफर किए जाने वाले प्रोग्रामों की संख्या घटा दी है क्योंकि वे अनुपालन की जरूरतों को पूरा नहीं करते हैं।
बताया जाता है किमहाराष्ट्र इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। मुंबई यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट ऑफ डिस्टेंट एंड ओपन लर्निंग (आईडीओएल), शिवाजी यूनिवर्सिटी, मराठावाड़ा यूनिवर्सिटी और महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी की मान्यता खत्म हुई है। इसके अलावा यशवंतराव चाह्वान महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी को 38 यूजी और पीजी प्रोग्रामों में से सिर्फ 17 में दाखिले की अनुमति मिली है।
मुंबई यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट ऑफ डिस्टेंट एंड ओपन लर्निंग (आईडीओएल) के निदेशक डी. हरिचंदन ने बताया कि, ‘हमारे सभी कोर्सों की अनुशंसा एक्सपर्ट कमिटी ने की थी। हम नहीं जानते हैं कि उसके बाद क्या हुआ। मुंबई यूनिवर्सिटी एक स्वायत्त संस्था है और हमारे कोर्सों को हमारी ऐकडेमिक काउंसिल मान्यता देती है, हमारे कोर्सों की मान्यता खत्म करने वाला यूजीसी कौन है?’
यूजीसी की ओर से बताया गया है कि, इस यूनिवर्सिटी के पास नेशनल असेस्टमेंट एंड ऐक्रेडिटेशन काउंसिल (एनएएसी) की मान्यता नहीं होने की वजह से मान्यता रद्द की गई है। अप्रैल 2017 में यूनिवर्सिटी के ग्रेड की समयसीमा खत्म हो गई थी।
विगत 6 फरवरी को यूजीसी द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक किसी संस्थान को यूजीसी से मान्यता लेने के लिए तीन महीने के अंदर पहले एनएएसी से मान्यता लेनी होगी। अगर तीन महीने के अंदर एनएएसी से मान्यता नहीं मिलती है तो यूजीसी से भी मान्यता नहीं मिलेगी। सीनेट के एक सदस्य ने बताया कि, ‘हमने अथॉरिटीज को इस बात की जानकारी दी थी, लेकिन किसी ने गंभीरता नहीं दिखाई। समयसीमा अप्रैल में समाप्त हो गई।’
वहीं इस बाबत इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU) के वीसी नागेश्वर राव ने बताया कि, प्रोफेशनल कोर्स में दो या तीन अन्य प्रोग्राम को जोड़ने को लेकर थोड़ा कन्फ्यूजन है। हमने अपना रिकॉर्ड यूजीसी को वेरिफिकेशन के लिए भेज दिया है।
जबकि यशवंतराव चह्वान महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ई. वायुनंदन ने बताया कि जिन कोर्सों के लिए आवेदन किया था, उनमें से ज्यादा को वैधता प्रदान कर दी गई है लेकिन बुनियादी कोर्सों की ही मान्यता रद्द कर दी गई है। उदाहरण के लिए कॉमर्स के सभी कोर्सों जैसे बीकॉम कोऑप्रेटिव मैनेजमेंट और एमकॉम को मान्यता मिल गई है जबकि प्लेन बीकॉम प्रोग्राम को नहीं।