पटना। बिहार में अभी वैसे ही मुजफ्फरपुर काण्ड तूल पकड़े हुए है और इसको लेकर सुशासन बाबू पर चौतरफा हमले जारी हैं वहीं इसी बीच अब पटना के एक शेल्टर होम में दो लड़कियों की संदिग्ध मौत ने नीतीश सरकार के लिए कोढ़ में खाज वाला काम कर दिया।
गौरतलब है कि पटना के एक शेल्टर होम की दो लड़कियों की मौत ही गयी है। दोनों लड़कियों की शनिवार शाम तबीयत काफी बिगड़ गयी। अस्पताल ले जाने से पहले ही उनकी मौत हो गयी। हालांकि उनकी मौत को संदिग्ध बताया जा रहा है। मुजफ्फरपुर और अन्य अल्पावास गृहों की जांच के बीच दो संवासिनों (लड़कियों) की मौत से सनसनी फैल गयी है।
हालांकि घटना की जांच के लिए डीएम कुमार रवि और एसएसपी मनु महाराज पहुंच गए हैं।हिरासत में ली गयी एक महिला से पूछताछ हो रही है। पीएमसीएच प्रशासन के अनुसार, बेबी कुमारी दोनों संवासिनों को लेकर आयीं थीं। भर्ती रशीद पर इसी का नाम है।
मिली जानकारी के मुताबिक दोनों संवासिनें राजीवनगर स्थित “आसरा गृह” में रहती थीं। कल शाम को 17 वर्षीय पूनम और 35 वर्षीय बबली को पीएमसीएच लाया गया था। पीएमसीएच अधीक्षक डॉ राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि दोनों संवासिनों को मृत अवस्था में अस्पताल लाया गया था। बताया जा रहा है कि एक को फेफड़े में संक्रमण था, वहीं दूसरे को बुखार-पेट दर्द की परेशानी थी।
इसके साथ ही इसमामले में यह बात सामने आई है कि आसरा गृह की ओर से जान बूझ कर लापरवाही बरती गई। पहले से ही दोनों लड़कियों की तबीयत खराब थी, लेकिन उनका इलाज नहीं कराया जा रहा था। उन्हें आसरा गृह के अलग कमरे में बंद करके रखा गया था।
इस घटना के दो दिन बाद उसी शेल्टर होम की दो लड़कियों की मौत की खबर आई है। दोनों युवतियों की मौत शुक्रवार शाम को ही हुई थी, लेकिन इस घटना की जानकारी पुलिस को नहीं दी गई थी।इस मौत के बाद पटना का आसरा शेल्टर होम फिर से विवादों में आ गया है। फिलहाल दोनों युवतियों की मौत के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने नहीं आ सकी है। इस मामले में किसी सरकारी अधिकारी का पक्ष भी अब तक नहीं मिल सका है। जिस शेल्टर होम में ये मौत हुई है उसका संचालन एक एनजीओ करता है, जो बिहार के समाज कल्याण विभाग के अधीन आता है।
ज्ञात हो कि राजीवनगर स्थित इस आसरा गृह में 75 संवासिनों को रखा गया है। इनमें 12 को छोड़ सभी मानसिक रूप से विक्षिप्त संवासिनें हैं। सवाल उठता है कि स्वस्थ लड़कियों को यहां क्यों रखा गया है। इस आसरा गृह से ही दो दिन पहले चार लड़कियों ने ग्रिल काटकर भागने का प्रयास किया था। हालांकि उन्हें पकड़ लिया गया था। इस आसरा गृह को इसी साल 1 मई को खोला गया था। इसके मुख्य कर्ता धर्ता में मनीषा दयाल है। आसरा गृह में कई जिलों से लाकर लड़कियों को रखा गया है।