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लाल किले के प्राचीर से PM ने अपने चट्टानी इरादों को जताया, क्या किया और क्या करना है खुलकर बताया

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नई दिल्ली। ऐतिहासिक लाल किले के प्राचीर से 72वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन में एक तरह से “हम मक्खन पर लकीर नहीं, पत्थर पर लकीर खींचने वाले लोग हैं ’’  यह कहकर अपने चट्टानी इरादों को जता दिया है।

गौरतलब है कि सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे। उसके बाद वो लाल किले पहुंचे और वहां उन्होंने तिरंगा फहराया और राष्ट्र को संबोधित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मौजूदा कार्यकाल के आखिरी भाषण में जहां अपनी सरकारी की तमाम उपलब्धियां गिनाईं इसके साथ ही भविष्य की अपनी कई योजनायें भी बताईं। कुल मिला कर तकरीबन सवा घण्टे के अपने संबेधन में उन्होंने समाज के हर वर्ग पर अपना ध्यान और बयान दिया।

अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए पीए मोदी ने कहा, आप सभी को स्वतंत्रता के इस महान पर्व पर मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं। देश इस समय नवनिर्माण के आत्मविश्वास से सराबोर है। जब आज की सुबह हर्ष-उल्लास, श्रद्धा और संकल्प की नई रोशनी लेकर आई है।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में किसी भी तबके का ज़िक्र करने से नहीं चूके. किसान, अन्य पिछड़े वर्ग (OBC), दलित, युवा, महिलाएं, तीन तलाक, दक्षिण भारत, सेना,  कोर्ट,  शिक्षा,  इंटरनेट,  अर्थव्‍यवस्‍था, अंतरिक्ष- यानी ऐसा एक भी क्षेत्र नहीं था, जिसका ज़िक्र प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में न किया हो. अपने मज़बूत इरादों को प्रधानमंत्री ने एक कविता के ज़रिये भी व्‍यक्‍त किया – ‘ज़िद है, एक सूर्य उगाना है, अंबर से ऊंचा जाना है…

उन्होंने खुलकर कहा कि भारत एक सोया हुआ हाथी है, जो अब जाग गया है, चल पड़ा है। दुनिया विश्‍वास और भरोसे के साथ भारत की ओर देख रही है। दुनिया को भरोसा है कि भारत विश्‍व अर्थव्‍यवस्‍था की अगुवाई करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में चल रही कई योजनाओं का भी ज़िक्र किय और कहा कि इन योजनाओं ने देश की तस्‍वीर बदलकर रख दी है।

उन्होंने ऐलान किया है कि 25 सितंबर को, पंडित दीन दयाल की जयंती पर, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही घोषणा की कि शॉर्ट सर्विस कमिशन में अब महिलाओं की स्थाई रूप से एंट्री मिलेगी। पहले ये लाभ सिर्फ पुरुषों को ही मिलता था।

उन्होंने कहा कि देश आज नई ऊंचाईयों को पार कर रहा है। आज का सूर्योदय नए उत्साह को लेकर कर आया है। हमारे देश में 12 साल में एक बार नीलकुरिंज का पुष्प उगता है, इस साल ये पुष्प तिरंगे के अशोक चक्र की तरह खिल रहा है।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज देश के कई राज्यों की बेटियों ने सात समंदर को पार किया और सभी को तिरंगे से रंग दिया। आज हम आजादी का पर्व उस समय मना रहे हैं, जब आदिवासी बच्चों ने एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया है।

उन्होंने कहा कि जब हौसले बुलंद होते हैं, देश के लिए कुछ करने का इरादा होता है तो बेनामी संपत्ति का कानून भी लागू होता है। हम कड़े फैसले लेने का सामर्थ्य रखते हैं क्योंकि देशहित हमारे लिए सर्वोपरी है। OROP की मांग दशकों से लंबित थी, हमने फैसला लिया।

इतना ही नही जीएसटी सालों से लंबित था। हर कोई चाहता था कि यह व्यवस्था लागू हो, लेकिन सालों तक अटकाए रखा गया। मेरा फायदा, उसका नुकसान की बातें हुईं। हमने इसे लागू किया। आज हर कोई खुश है। मैं व्यापारी भाइयों का धन्यवाद देना चाहता हूं।

जिसका परिणाम है कि 2014 से पहले दुनिया की गणमान्य संस्थाएं और अर्थशास्त्री कभी हमारे देश के लिए क्या कहा करते थे, वो भी एक जमाना था कि हिंदुस्तानी की इकॉनोमी बड़ी रिस्क से भरी है वही लोग आज हमारे रिफॉर्म की तारीफ कर रहे हैं। आज दुनिया कह रही है कि सोया हुआ हाथी अब जग चुका है और दौड़ने के लिए तैयार है।

वहीं उन्होंने कहा कि अगले वर्ष बैसाखी पर जलियांवाला बाग नरसंहार के 100 वर्ष होने जा रहे हैं। मैं इस नरसंहार में शहीद हुए हर देशवासी को याद करते हुए उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि देता हूं।

जबकि महान तमिल कवि, दीर्घदृष्टा और आशावादी सुब्रामणियम भारती का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने लिखा था कि भारत न सिर्फ एक महान राष्ट्र के रूप में उभरेगा बल्कि दूसरों को भी प्रेरणा देगा। उन्होंने कहा था- भारत पूरी दुनिया को हर तरह के बंधनों से मुक्ति पाने का रास्ता दिखाएगा।

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