नई दिल्ली! संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान का 80 साल की उम्र शनिवार को निधन हो गया. कोफी अन्नान को उनके मानवीय कार्यों के लिए नोबेल का शांति पुरस्कार भी मिला था.
मूल रूप से घाना के रहनेवाले कोफी अन्नान को वैश्विक स्तर पर शांति प्रयासों और गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है. अन्नान पहले अफ्रीकी मूल के संयुक्त राष्ट्र महासचिव थे. उन्होंने लगातार दो टर्म 1997 से 2006 तक महासचिव का पदभार संभाला. महासचिव रहने के दौरान उन्होंने 2015 तक वैश्विक गरीबी को कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया था.
कोफी अन्नान युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाल करने और प्रवासियों को फिर से बसाने के लिए वैश्विक स्तर पर होने वाले कई प्रयासों की अगुआई कर चुके थे. हाल के दिनों में वह रोहिंग्या और सीरिया के शरणार्थी संकट के समाधान के लिए काम कर रहे थे. सीरिया में संकट के समाधान के लिए उन्होंने सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद से भी मुलाकात की थी.
कोफी अन्नान का जन्म 8 अप्रैल 1938 को गोल्ड कोस्ट, जो वर्तमान में घाना देश है, वहां के कुमसी नामक शहर में हुआ था. घाना के एक बोर्डिंग स्कूल में शुरुआती शिक्षा लेने के बाद अन्नान ने कुसमी के विज्ञान और प्रौद्योगिकी कॉलेज में दाखिला लिया. उनके पिता एक शिक्षित व्यक्ति थे, इसलिए कोफी की पढ़ाई पर भी बहुत ध्यान दिया. जब अन्नान 20 वर्ष के थे तब उन्होंने फॉर्ड फाउंडेशन स्कॉलरशिप जीती और सेंट पॉल मिनेसोटा के मैकलेस्टर कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई के लिए चले गए, जहां उन्होंने इकॉनोमिक्स की पढ़ाई की.
1961 में इकॉनोमिक्स से स्नातक की डिग्री हासिल करने के बाद कोफी अन्नान जिनेवा चले गए, जहां उन्होंने ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंटरनैशनल स्टडीज़ से डीईए की डिग्री की. अन्नान ने जिनेवा में ही वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ज्वाइन कर ली. वहां उन्होंने बजट अधिकारी के रूप में काम किया.
वे 1965 तक डब्लू एच ओ के साथ रहे. 1965 से 1972 तक अन्नान ने इथियोपिया की राजधानी अद्दीस अबाबा में संयुक्त राष्ट्र की इकॉनोमिक कमिशन फॉर अफ्रिका के लिये काम किया. 1976 में यूएन के साथ काम करने के लिए वह एक बार फिर जिनेवा लौट गए. उसके बाद से फिर वह यूएन के साथ ही काम करते रहे.