लखनऊ। प्रदेश की योगी सरकार अपनी तरफ से बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव और बेहतर मदद के लिए प्रयासरत और कटिबद्ध है लेकिन वहीं सरकार के राहत कार्यों का क्रियान्वयन करने वाले अफसरों और कर्मियों की लापरवाही के चलते बाढ़ पीड़ितों के दर्द को बढ़ा रही है।
गौरतलब है कि अब गोंडा जिला प्रशासन द्वारा बाढ़ राहत केन्द्रों पर पीड़ितों को सड़े आलू बांटे जाने को लेकर हंगामा खड़ा हो गया। मंगलवार दोपहर बाद यह घटना सामने आने के बाद प्रशासन के दावों पर सवाल लग गया है।
दरअसल स्थानीय बाढ़ राहत केंद्रों पर इस समय उपलब्ध आलू सड़ गए हैं। फिर भी प्रशासन द्वारा उन्हीं को नारंगी बैग में भरकर बांटा जा रहा हूं। मंगलवार को इस्माइलपुर में बाढ़ पीड़ितों ने इसको लेकर हंगामा शुरू कर दिया।
उन्होंने प्रशासन के खिलाफ जमकर मुर्दाबाद के नारे लगाएं। उनका कहना है कि इस तरह आलू खाकर बाढ़ पीड़ित तो वैसे ही मर जाएंगे तब राहत की क्या जरूरत है। इस संबंध में नायब तहसीलदार देवेन्द्र ने बताया की बरसात की वजह से आलू की बोरियों में सड़न पैदा हो गई है।
वहीं बाढ़ पीड़ितों को बताया जा रहा है कि वह उसमें से छांटकर सही आलू घर ले जाएं और सड़े हुए आलू को फेंक दें। प्रशासन के इस तर्क पर बाढ़ पीड़ितों का गुस्सा और बढ़ गया। उन्होंने राहत लेने से इंकार कर दिया।