नई दिल्ली। भाई अलागिरी द्वारा धमकी दिये जाने और तमाम बवाल मचाने के बावजूद द्रमुक नेता एम. के. स्टालिन को निर्विरोध पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया। आज पार्टी की आम सभा की बैठक में द्रमुक के महासचिव के. अंबाजगन ने कहा कि स्टालिन को निर्विरोध चुन लिया गया है। पार्टी प्रमुख के पद के लिए 26 अगस्त को नामांकन भरने वाले वह एकमात्र उम्मीदवार थे।
गौरतलब है कि जहां स्टालिन के बड़े भाई और द्रमुक से निष्कासित नेता एम. के. अलागिरी ने धमकी दी थी कि यदि उन्हें पार्टी में वापस नहीं लिया गया तो इसके अंजाम सही नहीं होंगे। वहीं 65 वर्षीय स्टालिन को पार्टी अध्यक्ष और पिता एम. करूणानिधि की मृत्यु के महज तीन सप्ताह बाद ही द्रमुक प्रमुख चुना गया है। करूणानिधि का सात अगस्त को निधन हो गया था। जबकि स्टालिन के अध्यक्ष बनने के कारण पार्टी कोषाध्यक्ष का पद अब प्रधान सचिव दुरई मुरूगन सम्हालेंगे।
ज्ञात हो कि वैसे तो उनके दिवंगत पिता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री करणानिधि के बीमार रहने के कारण अधिकांश समय घर में ही बिताने पर स्टालिन को जनवरी 2017 में पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था। करुणानिधि के इसी महीने निधन हो जाने के बाद उनको पार्टी अध्यक्ष के रूप में प्रोन्नत करना अनिवार्य हो गया था।
वहीं इसी बीच द्रमुक से निष्कासित नेता एम. के. अलागिरी ने अपने छोटे भाई एम. के. स्टालिन की पार्टी अध्यक्ष पद पर ताजपोशी से एक दिन पहले अपना रुख कड़ा करते हुए कहा कि वह पांच सितंबर को प्रस्तावित मार्च करेंगे और यदि उन्हें पार्टी में दोबारा शामिल नहीं किया गया तो पार्टी को नतीजे भुगतने होंगे।