लखनऊ। फिर एक चुनाव के वक्त का करीब आते जाना और विरोधी दलों के नेताओं द्वारा भाजपा को संजीवनी दिये जाना कोई नई बात नही है इसी क्रम में हाल फिलहाल सपा नेता आजम खान का बयान कर देगा समाजवादी पार्टी का कितना नुक्सान ये भले ही अभी हल्के में लिया जा रहा हो लेकिन इसके दूरगामी परिणामों को नकारा नही जा सकता है। क्योंकि जिस तरह से इस बयान के चलते अमर सिंह जिस हद तक आजम और समाजवादी कुनबे से अपने सारे अगले पिछले हिसाब चुकता करने का मन बना चुके हैं। वो आगामी चुनाव में सपा के लिए बेहद ही घातक साबित हो सकते हें।
गौरतलब है कि मंगलवार को लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित करते हुए अमर सिंह जिस तरह से आजम खां व अखिलेश यादव पर जमकर बरसे। और बोले हैं कि आजम खां मेरी बेटियों पर तेजाब फेंकवाने की बात कहता है। ये सुनकर मेरी पत्नी रोती हैं। मैं 30 अगस्त को रामपुर जा रहा हूं। मैं कहता हूं कि आजम खां मेरी कुर्बानी ले ले और मेरी बेटियों को बख्श दे।
इसके साथ ही बेहद ही आक्रामक अंदाज में आज सपा नेता आजम खान पर जबर्दस्त प्रहार करते हुए अमर सिंह ने कहा ये वो ही आजम है जिसने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद को अपना आदर्श बताया था। भारत मां को डायन कहा था। ऐसे लोगों को भारत में नहीं रहना चाहिए। इसके अलावा तमाम अन्य मुद्दों पर भी आजम को आड़े हाथों लिया।
उन्होंने कहा कि आजम खां मुझे अवसरवादी कहता है। हां मैं अवसरवादी हूं क्योंकि मेरी पत्नी राज्यसभा की सदस्य नही हैं। हां, मैं अवसरवादी हूं क्योंकि मैंने करोड़ों रुपये का घोटाला कर विश्वविद्यालय नहीं बनाया है। आजम खां का बेटा विधानसभा में है। अमर सिंह यहीं नहीं रुके कहा कि आजम खां, मुलायम सिंह यादव का राजनीतिक पुत्र है। अगर झूठ बोलने पर कोई शोध हो तो आजम को पुरस्कार मिलेगा।
एक तरह से समाजवादी कुनबा जिसके लिए उन्होंने बहुत कुछ किया पिछले काफी वक्त से लगातार उसके द्वारा ही किये गए प्रहार और उपेक्षाओं के दर्द का ज्वालामुखी भी आज अमर सिंह के दिल से फूट पड़ा। जिसकी बानगी है कि उन्होंने समाजवादी पार्टी और कुनबे दोनों की भी बखिया बखूबी उधेड़ना शुरू कर दी।
उन्होंने एक बार फिर से समाजवादी पार्टी को नमाजवादी पार्टी करार देते हुए उस पर परिवारवाद का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि लोहिया जी ने पार्टी में अपने परिवार के किसी सदस्य को स्थान नहीं दिया था लेकिन यहां तो पूरी पार्टी ही परिवार से ही भरी पड़ी है। अमर सिंह ने चुटीले अंदाज में कहा कि जिस तरह बेटी के जवान होने पर वर ढूंढा जाता है वैसे ही सपा परिवार में बच्चों के बड़े होने पर क्षेत्र ढूंढा जाता है कि वो कहां से चुनाव लड़ेगा।
अमर सिंह ने अखिलेश पर भी निशाना साधा और कहा कि पहले मुझ पर परिवार तोड़ने के आरोप लगते थे। अब तो मैं उनके परिवार का हिस्सा नहीं हूं अब एक क्यों नहीं हो जाते। उन्होंने प्रेस वार्ता के दौरान अखिलेश को कई बार नमाजवादी कहा। वहीं अमर सिंह ने खुलासा किया कि वो शिवपाल सिंह यादव को भाजपा में ले जाना चाहते थे लेकिन शिवपाल ने मना कर दिया लेकिन अब मेरे उनसे (शिवपाल) कोई संबंध नहीं है।