नई दिल्ली। पिछले कुछ समय से बीमारी के चलते सियासी मामलों से दूर रहे केन्द्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अरूण जेटली ने अपनी वापसी के साथ ही न सिर्फ बखूबी अपनी कमान सम्हाली बल्कि रॉफेल मामले में लगातार हमलावर रूख अपना रही कांग्रेस पर जोरदार पलटवार करते हुए कांगेस को ही अब 15 सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।
गौरतलब है कि राफेल डील के विवाद पर कांग्रेस और मोदी सरकार आमने-सामने हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर आरोप लगा रहे हैं। अपने एक इंटरव्यू में भी जेटली ने कहा कि राफेल के दाम पर कांग्रेस लगातार अलग-अलग बयान दे रही है और वो खुद कंफ्यूज है। सर्जरी के बाद यह जेटली का पहला इंटरव्यू था।
अब कांगेस को ही आड़े हाथें लेते हुए जेटली ने सवाल दागा कि क्या इस डील में देरी के कारण ही भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर शंका नहीं खड़ी हुई। जेटली ने सीधे राहुल गांधी पर भी सवाल दागा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने कई बार सरकार पर आरोप लगाते हुए राफेल के अलग-अलग दामों का जिक्र किया है। क्या राहुल गांधी को तथ्यों की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि सच सिर्फ एक होता है, लेकिन झूठ के कई चेहरे होते हैं।
इसके साथ ही उन्होंने 2007 के राफेल ऑफर को लेकर राहुल गांधी खुद अपनी अलग-अलग स्पीच में 7 तरह के दाम बता चुके हैं। जेटली ने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी जिस तरह की बात कर रहे हैं, वह प्राइमरी स्कूल के स्तर की डिबेट है। वित्त मंत्री ने कहा कि 2007 के मुकाबले 2015 में हुई राफेल डील रेट्स के मुकाबले कहीं बेहतर है।
इससे पहले अरुण जेटली ने बुधवार को ब्लॉग लिख कांग्रेस पर हमला बोला और राहुल गांधी से 15 सवाल पूछे। जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा कि कांग्रेस पार्टी बिना किसी आधार के सरकार पर इस डील को लेकर निशाना साध रही है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार पूरी तरह से निर्णय लेने में असमर्थ थी, क्या ये सही नहीं है कि इसी कारण इतनी महत्वपूर्ण डील करीब एक दशक तक टलती रही। तो इंटरव्यू में उन्होंने राहुल के आरोपों का बचकाना बताया।
इतना ही नही उन्होंने ये भी कहा कि एक राष्ट्रीय पार्टी से इस प्रकार की उम्मीद की जाती है कि कोई भी आरोप लगाने से पहले वह तथ्यों की जांच करें। जेटली ने लिखा कि यूपीए ने इस डील में करीब एक दशक की देरी की, जिसका सीधा असर राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ा। अरुण जेटली ने कहा कि अभी तक इस डील के दाम पर राहुल गांधी और कांग्रेस ने झूठ कहा है। इस प्रकार के मुद्दे उठाकर कांग्रेस पार्टी सिर्फ इस डील को टालना चाह रही है, जिसका असर भारत की सुरक्षा पर पड़ा था।