असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के कार्यान्वयन का जिक्र करते हुए इसका विरोध करने वालों पर निशाना साधा और कहा कि वोट बैंक की चिंता करने वाले मानवाधिकार की बात करते हैं, उन्हें इस देश की और इस देश के गरीब की चिंता नहीं है।
इससे पहले भाजपा महासचिव राम माधव ने सोमवार को कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की अंतिम सूची में शामिल नहीं किए जाने वाले लोगों का मताधिकार छीन लिया जाएगा और उन्हें वापस उनके देश भेज दिया जाएगा। भाजपा के ही नेता और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि एनआरसी को पूरे भारत में लागू किया जाए।
असम में रह रहे वास्तविक भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए उच्चतम न्यायालय के आदेश पर अद्यतन की जा रही एनआरसी की 30 जुलाई को प्रकाशित मसौदा सूची में 40 लाख से ज्यादा लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए जिससे राजनीतिक विवाद पैदा हो गया।