नई दिल्ली। एक तरफ गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर का बीमारी के चलते दिल्ली एम्स में जारी इलाज वहीं उधर गोवा में जारी राजनीतिक उठापटक और कांग्रेस द्वारा सरकार बनाने का दावा पेश किया जाना। इस सबको देखते आखिरकार अब इस मामले में मोर्चा अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को सम्हालना पड़ा है। वहीं रक्षा मंत्री निर्मला सीता रमण ने पार्रिकर की बीमारी में भी मौका तलाशने पर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और कहा कि ये बेहद ही दुख की खेद एवं बात है।
गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह आज पार्टी के नेताओं और सहयोगी दलों से बात करेंगे। वहीं एस धवलीकर को राज्य का डिप्टी सीएम बनाने की भाजपा की योजना को सहयोगी दलों द्वारा नकारने के बाद शाह ने विजय सरदेसाई को फोन किया। सरदेसाई गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख हैं। सूत्रों के अनुसार वह धवलीकर को राज्य के उप मुख्यमंत्री बनाए जाने की योजना से भी नाराज हैं। धवलीकर महाराष्ट्र गोमानतक पार्टी से हैं।
ज्ञात हो कि कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार शाम को राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की। कांग्रेस ने राज्यपाल से विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए भाजपा सरकार को फ्लोर टेस्ट कराने का निर्देश देने की मांग की। वहीं कांग्रेस ने सोमवार को राज्यपाल की अनुपस्थिति में एक ज्ञापन सौंपकर विधानसभा भंग न कर उन्हें वैकल्पिक सरकार बनाने का मौका देने का आग्रह किया था।
इतना ही नही बल्कि कांग्रेस दल के नेता चंद्रकांत कावलेकर ने दावे के साथ कहा कि हमें दूसरे दलों के विधायकों का समर्थन है। अगर हमें मौका मिलता है तो हम सदन में बहुमत साबित कर देंगे। उन्होंने कहा कि हम राज्य में चुनाव नहीं चाहते हैं। अगर भाजपा और सहयोगी दल सरकार नहीं चला पा रहे हैं तो हम इसके लिए तैयार हैं।
इसके साथ ही कांग्रेस का दावा है कि जैसे ही मुख्यमंत्री के लिए परिकर की जगह दूसरे नाम की घोषणा होगी, कई भाजपा विधायक इस्तीफा दे देंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गिरीश चोंडाकर ने कहा कि हम भाजपा को चुनौती देते हैं कि 14 विधायकों की परेड कराई जाए और सत्र बुलाकर बहुमत साबित किया जाए। भाजपा की गठबंधन सरकार अल्पमत में है।
इसके अलावा गोवा फारवर्ड पार्टी (जीएफपी) के प्रमुख विजय सरदेसाई ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने मौजूदा राजनीतिक हालातों पर उनसे बात की और सरकार की स्थिरता का भरोसा दिया है। इससे पहले सरदेसाई ने कहा था कि अगर मनोहर परिकर के स्वास्थ्य को देखते हुए भाजपा राज्य में नेतृत्व परिवर्तन पर विचार कर रही है तो इसका स्थायी समाधान होना चाहिए।