लखनऊ। भाजपा का मुकाबला करने और उससे पार पाने के लिए काफी हद तक बहुजन समाज पार्टी खुद को बखूबी अपडेट करने में जुट गई है। जिसके तहत उसने भी अब खासकर बूथ और यूथ पर अपना फोकस करना शुरू कर दिया है। अगर सूत्रों की मानें तो बसपा सुप्रीमों फिलहाल अपनी रणनीति पर फोकस कर रही हैं और अभी उनका गठबंधन को लेकर कोई रवैया साफ नजर नही आ रहा है। जिससे काफी हद तक ये तय है कि वो ज्यादा से ज्यादा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने के मूड मे हैं।
गौरतलब है कि फिलहाल बसपा ने महागठबंधन की अटकलों को दरकिनार करते हुए स्थानीय स्तर पर अपने को मजबूत करने की पहल की है। पार्टी ने कई महीने पहले से ही नये सिरे से बूथ स्तर तक संगठन खड़ा करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए संगठन में कई बदलाव भी किये गये हैं। बूथ इकाइयों का आकार कई गुना बढ़ाया गया है। युवाओं को हर स्तर पर 50 फीसदी भागेदारी दी जा रही है। इसकी भी वजह यही है कि ताकि कोई भी बात घर-घर तक आसानी से पहुंच सके।
इतना ही नही इतना ही नही युवाओं की मदद से सोशल मीडिया पर भी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी ताकत पहुंचाने के लिए बसपा ने अपनी टीम बनायी है। हालांकि बसपा नेता खुलेतौर पर सोशल मीडिया में सक्रिय होने की बात नकार रहे हैं। लेकिन पिछले दो तीन महीनों के दौरान सोशल मीडिया में कई ग्रुप बसपा के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हुए हैं। जिसके काफी हद तक बेहतर नतीजे नजर भी आ रहे हैं।
अगर सूत्रों की मानें तो उसके मुताबिक बसपा प्रमुख मायावती के निर्देश पर टीमें बनाकर इसकी शुरुआत कर दी गयी। यह अभियान लोकसभा चुनाव तक चलेगा। ये ग्रुप खासतौर से देश के बड़े मामलों जैसे भीमा कोरेगांव, रोहित वेमुला के अलावा यूपी में दलित उत्पीड़न की घटनाओं को तथ्यों सहित बता रहे हैं। एक तरह से बसपा अब भाजपा को उसकी ही तर्ज पर मात देने की तैयारी है।