लखनऊ। मुहर्रम का सबसे अहम दिन यौमे आशूर यानि दस मुहर्रम का दिन भी राजधानी पुलिस और प्रशासन की मुस्तैदी समेत तमाम अकीदतमंद और शहर के बाशिन्दों के आपसी तालमेल के चलते बखूबी शान्तिपूर्वक सम्पन्न हो गया। इस दौरान खासकर एसएसपी कलानिधी नैथानी और उनके तमाम मातहत पुलिसकर्मियों की मेहनत और कार्यकुशलता का कमाल रहा कि सब कुछ शान्तिपूर्वक सम्पन्न हो सका।
गौरतलब है कि पुराने लखनऊ में यौमे आशूर के दिन हज़रत इमाम हुसैन की याद मे सुबह बेहद गमज़दा माहौल मे कड़ी सुरक्षा के बीच निकाला गया। वहीं इससे पहले मौलाना कल्बे जव्वाद ने नाज़िम साहब के इमाम बाड़े मे मजलिस पढ़ी जिसमे उन्होने जब कर्बला का खौफनाक और दर्दनाक म़ंजर बयान किया तो तमाम अज़ादार आंसुओं से सराबोर हो उठे। और माहौल या हुसैन की सदाओं से सोगवार हो उठा।
मजलिस के बाद ही नाज़िम साहब के इमाम बाड़े से यौमे आशूर का जुलूस शुरू हुआ तो जुलूस मे शामिल मातमी अन्जुमनो ने कमा और छुरिया का मातम कर इमाम हुसैन की याद मे अपने आपको लहुलुहान कर लिया। जुलूस मे शामिल मातमी अन्जुमनो का भारी मजमा मातम कर या हुसैन के नारे लगाते हुए कर्बला तालकटोरा की तरफ अकबरी गेट] नख्खास, बिल्लौचपुरा, विक्टोरिया स्ट्रीट, बाज़ार खाला, हैदरगंज, बुलाकी अडडा होता हुआ आगे बढ़ता ही गया और अपने निर्धारित समय पर कर्बला तालकटोरा शान्ती पूर्ण माहौल मे सम्पन्न हो गया।
जुलूस से पहले ही एसएसपी कलानिधि नैथानी ने सुरक्षा के बेहद ही मुस्तैद इंतजाम किये थे। जिसके तहत ड्रोन कैमरों से बाकायदा पूरे इलाके की निगरानी बराबर जारी थी। जुलूस साथ ही रास्तों में जगह जगह सीसीटीवी कैमरें भी बखूबी हर एक हरकत की निगरानी में मुस्तेद थे। इस दौरान वहीं ज़िलाधिकारी कौशल राज शर्मा, एसएसपी कलानिधि नैथानी, एएसपी पश्चिम विकास चन्द्र त्रिपाठी, एएसपी पूर्वी सर्वेश मिश्रा, सीओ चौक एवं बाजारखाला पूरी मुस्तैदी के साथ जुलूस की सुरक्षा व्यवस्था मे डटे रहे ।
इसके अलावा जुमे की नमाज के बाद अकबरी गेट स्थित एक मिनारा मस्जिद के बाहर हज़रम इमाम हुसैन की याद मे जलसा इमाम हुसैन का आयोजन किया गया जिसमे ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महल मौलाना अलीम फारूकी मौलाना अली फारूकी ने शिरकत कर कर्बला मे शहीद हुए शहीदो के बुलन्द दर्जे को बयान किया। इस मौके पर मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि कुरान की तालीम को एक एक नौजवान तक पहुॅचाना हमारी ज़िम्मेदारी है ।
उन्होने हाफिज़-ए- कुरान की अहमियत बताते हुए कहा कि कुरान को सीखना और सिखाना दोनो ही सवाब का काम है और कहा कि अल्लाह ने हाफिज़ को इनाम देने का वादा किया एक हाफ़िज़ अपने दस रिश्तेदारो को अपने साथ जन्नत मे लेकर जाएगा। साथ ही जलसे में शरीक तमाम मजमे से उन्होंने नसीहत के लहजे में कहा कि अनुशासन बहुत जरूरी है। बिना उसके इन्सान कुछ भी अच्छे से नही कर सकता।
वहीं इस जलसे के मद्देनजर अकबरी गेट पर हुए जलसे के दौरान भी वहंा सुरक्षा के पुख्ता इन्तिज़ाम किए गए थे जिसके तहत अकबरी गेट तिराहे को पुलिस छावनी मे तबदील कर दिया गया था। इस दौरान एसएसपी और डीएम वहा मौजूद रहे और पुलिस और जिला प्रशासन की मुस्तैदी से ये कार्यक्रम भी बखूबी शान्तिपूर्वक सम्पन्न हो सका।
इसके अलावा जुलूस के पूरे मार्ग पर आठ सौ से भी ज़्यादा सिविल डिफेन्स के वार्डेनो को मुस्तैद किया गया था ज़िलाधिकारी की निगरानी मे काम करने वाले नागरिक सुरक्षा के आठ सौ से ज़्यादा जवान सिविल डिफेन्स के संगठन लखनऊ के चीफ वार्डेन अमरनाथ मिश्रा के साथ पूरी मुस्तैदी से अपनी डियूटी को अन्जाम देने के साथ जुलूस शुरू होने से लेकर जुलूस के समापन तक अपने वार्डनो के साथ जुलूस के मार्ग पर मुस्तैद रहे।