नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री मोदी और उनके फैसलों को कटघरे में खड़ा करने के लिए अपनी कमर कस चुके हैं। एक तरह से वो 2019 के लोकसभा चुनावों के आने तक कुछ ऐसा माहौल बना देना चाहते हैं कि जनता की आंखों से अंधभक्ति का पर्दा हट जाये। और काफी हद तक जनता हकीकत को अच्छे से समझ पाये। इसी क्रम में अब उन्होंने कि मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को एक ऐसा खेल बताया जिससे आम आदमी के समक्ष बड़ा संकट खड़ा हुआ, जबकि पूंजीपतियों के लिए यह काली कमाई को सफेद करने का अवसर था।
गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले से आम आदमी के समक्ष बड़ा संकट खड़ा हुआ, जबकि पूंजीपतियों के लिए यह काली कमाई को सफेद करने का अवसर था और इस खेल में बैंकों के 3.16 लाख करोड़ डूबे हैं। गांधी ने सोमवार को ट्वीट किया कि सामान्य आदमी के लिए नोटबंदी लाइन में लगना, अपना पैसा बैंक में जमा रखना, अपना पूरा विवरण आधार में देना था, लेकिन उसके लिए अपने पैसे के इस्तेमाल की मनाही थी।
इतना ही नही बल्कि उन्होंने साफ कहा कि पूंजीपतियों के लिए नोटबंदी अपना सारा काला पैसा सफेद करने का अवसर था। बाद में बैंकों ने 3.15 लाख करोड़ रुपए बट्टे खाते में डाल दिए। इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष ने एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर भी पोस्ट की है, जिसमें रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के हवाले कहा गया है कि अप्रैल 2014 से अप्रैल 2018 के बीच बैंकों ने वसूले गए ऋण की तुलना में सात गुणा पैसा बट्टे खाते में डाल दिया, जिसके कारण आम जनता के 3.16 लाख करोड़ रुपए डूब गए।