लखनऊ। प्रदेश में भाजपा के लिए सिरदर्द बनते सपा-बसपा के गठबंधन की काट योगी सरकार ने बखूबी ढूंढ ली है। दरअसल सरकार ने सपा से अलग होकर समाजवादी सेक्यूलर मोर्चा बना चुके शिवपाल सिंह यादव को इस गठबंधन की काट के तौर पर इस्तेमाल करने का मन बना लिया है। क्योंकि हाल ही में अपना मोर्चा बनाने के बाद जिस तरह से शिवपाल का असर सामने आया है। उससे साफ है कि वो काफी हद तक गठबंधन की काट कर सकने में सक्षम हैं। इसी वजह के चलते अब वो धीरे-धीरे सरकार के खास होते जा रहे हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश की योगी सरकार सपा से अलग हुए बागी और समाजवादी सेक्यूलर मोर्चे के अध्यक्ष शिवपाल यादव पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान है। जिसकी बानगी है कि आज सरकार ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूर्व मुख्यमंत्री मायावती से खाली कराये गए 6, लाल बहादुर शास्त्री मार्ग स्थित बंगला शिवपाल को आवंटित किया है। अहम और गौर करने की बात है कि अभी हाल ही में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या ने भी शिवपाल की तरफदारी करते हुए उनको अपने दल का भाजपा में विलय करने का ऑफर तक दिया था। वहीं जानकारों की मानें तो सब कुछ साफ है कल तलक जिन पर सरकार की जांच की आंच थी अब वो ही चहेते बने जा रहे हैं।
इतना ही नही बल्कि बंगले का उपयोग समाजवादी सेकुलर मोर्चा के कैंप कार्यालय के रूप में किया जा सकता है। क्योंकि फिलहाल शिवपाल अभी विक्रमादित्य मार्ग के अपने निजी आवास से ही पार्टी की गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। ज्ञात हो कि पिछले दिनों संगठन का विस्तार कर अधिकतर मंडलों में प्रभारी, जिलाध्यक्ष और फ्रंटल अध्यक्षों की घोषणा की गई। इसके साथ ही लखनऊ में उनके रहने पर कार्यकर्ताओं की खासी भीड़ जुट रही है। ऐसे में मोर्चा के कामकाज के लिए उन्हें नए ठिकाने की तलाश थी जो अब पूरी हो गई। जानकारों के अनुसार योगी सरकार शिवपाल पर मेहरबानी कर गठबंधन को कमजोर करने का सपना देख रही है। इसी के चलते ही उन पर ये खास मेहरबानी की गई है।