नई दिल्ली। अभी लोग उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुए विवेक तिवारी हत्याकाण्ड को पूरी तरह भूल भी नही पाए थे कि गुरूग्राम में सरकारी गनर द्वारा बेहद खौफनाक घटना को अंजाम दिये जाने से लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। दरअसल शनिवार को एक जज के यहां सुरक्षा में तैनात सरकारी गनर ने ही उनकी पत्नी और बेटे को गोली मार दी।
जिनकी बाद में इलाज के दौरान मेदांता अस्पताल में मौत हो गई। वहीं पुलिस फिलहाल हत्या की ठोस वजह नही जान सकी है। जबकि डीजीपी बी. एस. संधु ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश जारी कर दिये हैं। एक तरह से ये तमाम वीआईपी की सुरक्षा को लेकर बेहद ही गंभीर सवाल खड़ा करने वाली घटना है।
गौरतलब है कि गुरुग्राम के मिलेनियम सिटी के सेक्टर-49 स्थित आर्केडिया मार्केट में शनिवार की शाम अतिरिक्त सत्र एवं न्यायधीश (एडीजे) के आरोपी गनमैन ने उनकी पत्नी और बेटे पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी। इसमें एडीजे की पत्नी को दो वहीं बेटे को तीन गोलियां जा लगी थी। गोली मारने के बाद आरोपी गनमैन गाड़ी को लेकर भाग निकला। इसके बाद घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने फायरिंग में घायल हुए जज की पत्नी और बेटे को लोगों ने ऑटो से निजी अस्पताल पहुंचाया।
जहां से उन्हें मेदांता रेफर कर दिया गया है। वहीं शनिवार रात करीब 11:30 बजे जज की पत्नी की मौत हो गई। जबकि बेटे ने रविवार दोपहर दम तोड़ा। मृतक मां-बेटे का अंतिम संस्कार सोमवार को हिसार में किया जाएगा। वहीं गुरुग्राम कोर्ट ने आरोपी गनर महिपाल को 4 दिन के लिए पुलिस की कस्टडी में भेजा दिया है।
आरोपी कॉस्टेबल महिपाल से पूछताछ की। आरोपी गनर महिपाल ने घटना की असली अभी तक नहीं बताई। महिपाल के अनुसार वह हिंदू, लेकिन चर्च भी जाता था। एसआईडी हेड सुलोचना गजराज के अनुसार कई दिनों सो नहीं पाया था आरोपी। अभी तक यह साफ नहीं है कि वजह क्या थी? हम अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं। अभी निष्कर्ष तक पहुंचने में समय लगेगा।
इसके साथ ही मामले की गंभीरता को देखते डीजीपी ने उच्च स्तरीय जांच के निर्देश जारी किए हैं। जज के गनमैन ने पत्नी और बेटे को गोली क्यों मारी? इसकी वजह सामने के बाद विस्तृत कार्ययोजन बनाकर हरियाणा पुलिस प्रदेश के सभी वीआईपी की सुरक्षा की समीक्षा करेगी। पुलिस महानिदेशक बीएस संधू ने घटना के बाद कहा कि यह काफी दु:खद है। हम इस घड़ी में परिवार के साथ हैं।
मैंने गुरुग्राम पुलिस से सभी कारणों का पता लगाने के निर्देश दिए हैं ताकि घटना की असली वजह सामने आए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वीआईपी के साथ जितने भी लोगों को सुरक्षा मुहैया कराई गई है। इसकी समीक्षा कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना होने पर न सिर्फ छवि खराब होती है, बल्कि अविश्वास भी पैदा होता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने खुद इस घटना तह जाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद फैसला लिया गया है कि प्रदेश में जिस किसी को भी सरकार की तरफ से सुरक्षा दी गई है। उसकी समीक्षा होगी ताकि भविष्य में ऐसी घटना न घटे। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना देश और विदेश में पुलिस का नाम खराब होता है।