नई दिल्ली। जब वक्त ही आपके खिलाफ हो जाये तो आपकी कोई सुनवाई नही होती। ऐसा ही कुछ फिलहाल अमृतसर में हुए खौफनाक हादसे के चलते दशहरा के मुख्य आयोजनकर्ता के साथ हुआ क्योंकि वो एक पल में खलनायक बन गया। दरअसल तीन दिन बाद दशहरा के मुख्य आयोजनकर्ता सौरव मदान उर्फ मीट्ठू का एक वीडियो में मीट्ठू अपने को बेकसूर कह रहा है। जबकि आयोजन वाले दिन के बाद से भी सौरव मदान फरार चल रहा है।
गौरतलब हे कि इस वीडियो में रोते हुए मीट्ठू ने अपना पक्ष हुए कहा है कि ‘मैं बयान नहीं कर सकता, हमारा क्या हाल है। हमने दशहरा सभी को इकट्ठा करने के लिए मनाया था। सभी तरह की परमिशन हमने ले रखी थी। रावण दहन के लिए हमने घेरा भी बनाया था। अपनी तरफ से हमने कोई कमी नहीं छोड़ी थी। कॉरपोरेशन से परमिशन ली हुई थी और पानी का टैंकर भी बुलाया था। जहां हमने दशहरा मनाया वह बाउंड्री के बीच ग्राउंड में था, ना कि लाइन में। लाइन पर तब माना जाता जब हमने वहां कुर्सियां डाली होतीं और प्रोग्राम वहां होता।
हमने तो दशहरा ग्राउंड में मनाया और 8-10 फुट ऊंची दीवार भी थी। लाइन में लोग खड़े थे एकदम ट्रेन आई किसी को कुछ पता नहीं चला। ऐसा कुदरत की तरफ से हो गया। इसमें किसका क्या कसूर है। दो-चार शरारती लोग जो हमसे पर्सनल रंजिश रखते हैं, वे ही इसमें लगे हुए हैं। वहां पर हमने पांच से सात बार घोषणा भी करवाई थी। मैं हाथ जोड़कर विनती करता हूं, हमारी मदद करें, हमारा पूरा परिवार बहुत दुखी हैं।’
कांग्रेस नेता और जौड़ा फाटक धोबीघाट में दशहरा पर्व का आयोजक सौरभ मदान उर्फ मिट्ठू रेल हादसे के बाद से परिवार समेत भूमिगत है। मिट्ठ की कोठी पर ताला लटक रहा है। वहां पुलिस का सख्त पहरा बिठा दिया गया है और उस तरफ किसी को जाने की परमिशन भी नहीं है। हादसे के बाद गुस्साए लोगों ने 20 अक्तूबर को मदान के घर पर हमला कर दिया था। लोगों ने पत्थरबाजी की थी और घर की खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए थे। इसके बाद से मदान परिवार गायब है। सभी का फोन भी स्विच ऑफ है।
नई दिल्ली। जब वक्त ही आपके खिलाफ हो जाये तो आपकी कोई सुनवाई नही होती। ऐसा ही कुछ फिलहाल अमृतसर में हुए खौफनाक हादसे के चलते दशहरा के मुख्य आयोजनकर्ता के साथ हुआ क्योंकि वो एक पल में खलनायक बन गया। दरअसल तीन दिन बाद दशहरा के मुख्य आयोजनकर्ता सौरव मदान उर्फ मीट्ठू का एक वीडियो में मीट्ठू अपने को बेकसूर कह रहा है। जबकि आयोजन वाले दिन के बाद से भी सौरव मदान फरार चल रहा है।
गौरतलब हे कि इस वीडियो में रोते हुए मीट्ठू ने अपना पक्ष हुए कहा है कि ‘मैं बयान नहीं कर सकता, हमारा क्या हाल है। हमने दशहरा सभी को इकट्ठा करने के लिए मनाया था। सभी तरह की परमिशन हमने ले रखी थी। रावण दहन के लिए हमने घेरा भी बनाया था। अपनी तरफ से हमने कोई कमी नहीं छोड़ी थी। कॉरपोरेशन से परमिशन ली हुई थी और पानी का टैंकर भी बुलाया था। जहां हमने दशहरा मनाया वह बाउंड्री के बीच ग्राउंड में था, ना कि लाइन में। लाइन पर तब माना जाता जब हमने वहां कुर्सियां डाली होतीं और प्रोग्राम वहां होता।
हमने तो दशहरा ग्राउंड में मनाया और 8-10 फुट ऊंची दीवार भी थी। लाइन में लोग खड़े थे एकदम ट्रेन आई किसी को कुछ पता नहीं चला। ऐसा कुदरत की तरफ से हो गया। इसमें किसका क्या कसूर है। दो-चार शरारती लोग जो हमसे पर्सनल रंजिश रखते हैं, वे ही इसमें लगे हुए हैं। वहां पर हमने पांच से सात बार घोषणा भी करवाई थी। मैं हाथ जोड़कर विनती करता हूं, हमारी मदद करें, हमारा पूरा परिवार बहुत दुखी हैं।’
कांग्रेस नेता और जौड़ा फाटक धोबीघाट में दशहरा पर्व का आयोजक सौरभ मदान उर्फ मिट्ठू रेल हादसे के बाद से परिवार समेत भूमिगत है। मिट्ठ की कोठी पर ताला लटक रहा है। वहां पुलिस का सख्त पहरा बिठा दिया गया है और उस तरफ किसी को जाने की परमिशन भी नहीं है। हादसे के बाद गुस्साए लोगों ने 20 अक्तूबर को मदान के घर पर हमला कर दिया था। लोगों ने पत्थरबाजी की थी और घर की खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए थे। इसके बाद से मदान परिवार गायब है। सभी का फोन भी स्विच ऑफ है।