लखनऊ। प्रदेश के जनपद बांदा में एक बेहद ही सनसनीखेज वारदात उस वक्त सामने आई जब पड़ोसियों से हुए संघर्ष के मामले में पुलिस द्वारा सुलह-समझौते के लिए बुलाए गए युवक ने थाने में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वहीं इस घटना की जानकारी होते ही बड़ी संख्या में परिजन और ग्रामीण तिंदवारी थाने आ गए और हंगामा शुरू कर दिया। जो कि देर रात तक जारी था। पुलिस अधीक्षक समेत भारी संख्या में पुलिस बल और पीएसी बुला ली गई। शव को मर्च्युरी में रखाया गया है।
मिली जानकारारी के मुताबिक जनपद बांदा के तिंदवारी थाना क्षेत्र के अमलीकौर गांव में भगदरा डेरा में बबलू सिंह (37) पुत्र रामआसरे सिंह किराना और चाय आदि की दुकान किए था। उसके घर के नजदीक लगे ट्रांसफार्मर में कटिया फांसने को लेकर तीन दिन पूर्व पड़ोस के निषाद बिरादरी के लोगों से झगड़ा हो गया था। दोनों पक्षों में लाठी-डंडे और पत्थर चले थे। इससे बबलू के सिर में चोट लग गई थी। निषाद पक्ष की दो बालिकाएं भी घायल हुईं थीं।
वहीं इस मामले को लेकर ही पुलिस ने शनिवार को दोनों पक्षों को सुलह के लिए तिंदवारी थाना बुलाया था। बबलू सिंह अपने एक सहयोगी के साथ थाने पहुंच गया। दूसरा पक्ष नहीं पहुंचा। इसी बीच थाने में बैठा रखे गए बबलू सिंह ने शौचालय के बगल में स्थित होमगार्ड रूम में रखे लकड़ी के तख्त पर कुर्सी रखकर सीलिंग पंखे पर अपना साफा (अंगौछा) बांध लिया और दूसरा छोर गले में बांधकर फांसी पर झूल गया। कुछ ही देर बाद पुलिस कर्मियों की नजर पड़ी तो हड़कंप मच गया। आनन-फानन उसे फंदे से उतारकर शाम करीब 7 बजे जिला अस्पताल लाए। यहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
थाने में मौत की खबर मिलते ही मृतक के गांव से बड़ी संख्या में परिजन और ग्रामीण थाने पहुंचने लगे। देर रात तक यह भीड़ काफी बढ़ गई। मुख्यालय से पुलिस अधीक्षक एस आनंद और अन्य पुलिस अधिकारी भी पहुंच गए। कई थानों का फोर्स और पीएसी तलब कर ली गई। वहीं कोई भी अधिकारी इस पर जानकारी देने के लिए फिलहाल उपलब्ध नही हो सका हालांकि वहीं थाने में मौजूद क्षेत्राधिकारी सदर कुलदीप गुप्ता ने जल्दबाजी में सिर्फ इतना ही बताया कि मृतक के साथ किसी तरह की कोई मारपीट नहीं की गई। जांच की जा रही है।