नई दिल्ली। अभी तो सर्दियां पूरी तरह से शुरू हो भी नहीं पाई हैं कि देश की राजधानी और तमाम खासम-खास लोगों का रिहाइशी ठिकाना। बावजूद इसके यहां पर शुरू हो गया है प्रदूषण रूपी आफत का आना। बार बार की होने वाली इस दिक्कत को देखते तंग आकर आखिरकार इसको लेकर अब काफी सख्त हो गई है केन्द्र सरकार।
गौरतलब है कि अब केंद्र सरकार ने दिल्ली के वायु प्रदूषण को लेकर सख्त रवैया अख्तियार कर लिया है। खबर है कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को काबू करने के लिए केंद्र सरकार ने उन लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई करने की तैयारी की है जो हवा को जहरीला बनाने के दोषी हैं। इसी सिलसिले में पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति की समीक्षा की। इस बैठक में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से एक प्रस्ताव आया कि उन लोगों पर आपराधिक केस दर्ज किया जाए जो हवा को जहरीला बनाने के लिए जिम्मेदार हैं।
वहीं इस बाबत सीपीसीबी के अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के अलावा एनसीआर के चार शहरों नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में पिछले एक महीने में स्थिति को सुधारने के लिए किए गए उपाय अपर्याप्त साबित हुए हैं। जानकारी के अनुसार 50 निगरानी दल सप्ताह में कम से कम पांच दिन दिल्ली-एनसीआर में औचक निरीक्षण निरीक्षण करेंगे और नियमों का पालन न करने वालों के पर आपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही बोर्ड की अगुवाई वाली टास्क फोर्स ने नवंबर की 10 तारीख तक कम से कम निजी वाहनों के चलने देने, कोयला और जैव ईंधन आधारित उद्योग बंद करने की सिफारिश भी की है। बताते हैं कि दिल्ली-एनसीआर की हवा धीरे-धीरे गंभीर स्थिति में पहुंचती जा रही है। ज्ञात हो कि हर साल जैसे ही सर्दियों की शुरुआत होती है तभी दिल्ली गैस चैम्बर में तब्दील होने लगती है। इस कारण दिल्ली सरकार को स्कूल तक बंद करने पड़ते हैं। एनसीआर के शहरों में भी इसी तरह की नौबत आ जाती है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का मानना है कि इस साल भी हालात उसी दिशा में बढ़ रहे हैं।