लखनऊ। एक तरफ देश की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार बेटियों की सुरक्षा को लेकर बेहद संवेदनशील है। वहीं जिन पर सुरक्षा मुहैया कराने की जिम्मेदारी है वो सरकार के तमाम निर्देशों के बावजूद ऐसे संवेदनशील मामलों में भी कोताही बरतने से बाज नही आ रहे हैं। जिसकी बानगी है कि जब भी किसी बेटी के ऊपर अत्याचार जरूरत से ज्यादा हो जाता है। तब वो परिवार राजधानी लखनऊ के विधानभवन के सामने आत्मदाह करने पर आमादा हो जाता है। हद ये है कि बावजूद इसके भी तमाम उन पुलिस कर्मियों के कान पर जूं नही रेंग रही है। जो ऐसे गंभीर मामलों में भी पीड़ित परिवार को टरका दे रहे हैं।
गौरतलब है कि अभी हाल ही में एक बेटी के परिवार द्वारा आत्मदाह का प्रयास किया गया था। वहीं आज फिर राजधानी लखनऊ में दुष्कर्म के मामले में कार्रवाई नहीं होने से निराश एक परिवार ने विधानभवन के सामने आत्मदाह की कोशिश की। हालांकि, वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें बचा लिया गया। पीड़िता के पिता ने बताया कि आरोपियों द्वारा डरा-धमकाकर समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है। मामले में उच्चअधिकारियों से शिकायत के बाद भी पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। इसलिए निराश पिता ने विधानभवन के सामने आत्मदाह का प्रयास किया।
ज्ञात हो कि दो साल पहले कस्बा नगराम में दुकान पर चीनी लेने गई दो बच्चियों से मोहम्मद इशरत ने दुष्कर्म किया था। मामले पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की और आरोपी की गिरफ्तारी हुई। छह महीने बाद जेल से बाहर आए आरोपी ने नगर पंचायत अध्यक्ष की मदद से पीड़िता के पिता पर मामला वापस लेने का दबाव बनाया। मामला वापस न लेने पर लगातार जान से मारने की धमकी दी जा रही है।