नई दिल्ली। देश की सबसे अहम जांच एजेंसी में CBI जारी घमासान में उस वक्त एक नया मोड़ आ गया जब स्पेशल अफसर राकेश अस्थाना के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए CBI एएसपी गुरम ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। वहीं रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किये गये डीएसपी देवेन्द्र कुमार को आज कोर्ट ने जमानत दे दी है।
गौरतलब है कि सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना से जुड़े रिश्वतखोरी के आरोपों के सिलसिले में गिरफ्तार सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार को दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को जमानत दे दी। विशेष सीबीआई न्यायाधीश संतोष स्नेही मान कुमार को राहत देते हुए उनसे 50 हजार रूपये की जमानत राशि और इतनी ही रकम का मुचलका जमा कराने को कहा। सीबीआई ने जमानत याचिका का विरोध नहीं किया।
साथ ही देवेंद्र कुमार ने दावा किया था कि उन्हें मामले में गलत तरीके से फंसाया गया और वह केंद्रीय जांच एजेंसी के दो बड़े अधिकारियों के बीच प्रतिद्वंद्विता के पीड़ित हैं। उन्होंने कहा कि वह मीट निर्यातक मोइन कुरैशी के खिलाफ मामले की जांच कर रहे थे जिसमें मौजूदा मामले में शिकायतकर्ता -सतीश बाबू सना – एक आरोपी था और सीबीआई के कई पूर्व व मौजूदा वरिष्ठ अधिकारियों का नाम भी इसमें आया था। कुमार ने दावा किया कि मौजूदा मामले में उनकी गिरफ्तारी कुरैशी के मामले में जांच को बाधित करने से प्रेरित है और उनके खिलाफ कोई सीधा आरोप नहीं है।
जबकि वही एएसपी गुरम ने आरोप लगाया कि घुसखोरी के एक मामले में अपने खिलाफ दायर प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग को लेकर याचिका दायर करने वाले विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ‘चुनिंदा’ तथ्यों को रख कर अदालत को गुमराह कर रहे हैं। सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और अस्थाना के बीच खींचतान के कारण सीबीआई के अन्य अधिकारियों के साथ गुरम का भी तबादला कर दिया गया है। उन्होंने अस्थाना द्वारा दायर याचिका में एक पक्ष बनाए जाने की मांग की है।
एडिशनल SP का दिल्ली से जबलपुर तबादला कर दिया गया है। उन्होंने मामले में उनका पक्ष सुने जाने का मौका दिए जाने की मांग की है। दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष दायर एक आवेदन में अपर पुलिस अधीक्षक ने दावा किया कि उन्हें अंदेशा है कि सीबीआई अस्थाना को बचाने का प्रयास कर रही है और वह याचिका का जोरदार विरोध नहीं करेगी।
इसके साथ ही गुरम ने अस्थाना की याचिका खारिज करने की भी मांग की। अस्थाना, पुलिस उपाधीक्षक देवेन्द्र कुमार और कथित बिचौलिया मनोज प्रसाद ने अलग-अलग याचिकाओं में अपने खिलाफ दायर प्राथमिकी को निरस्त करने की मांग की है। न्यायमूर्ति नजमी वजीरी इन याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई करेंगी।