डेस्क। अक्सर हम आपसे ये कहते रहे हैं कि सड़क हादसों के लिए खासकर रफ्तार और लापरवाही ही लोगों की जिन्दगी के लिए खतरा बनती जा रही है। अब इस पर बखूबी परिवहन विभाग के जिम्मदार अफसरों द्वारा भी मुहर लगा दी गई है कि अगर सावधानी के साथ चालक अपनी रफ्तार पर नियंत्रण रखें तो काफी हद तक ऐसे हादसों से बचा जा सकता है।
गौरतलब है कि देश की दस फीसदी सड़कों पर सर्वाधिक दुर्घटनाएं हो रही हैं। इन दुघर्टनाओं में ड्राइवरों की लापरवाही उजागर हुई है। ड्राइवर स्पीड गवर्नर से नहीं, बल्कि सेल्फ गवर्नर से वाहन की स्पीड तय करके दुर्घटनाओं पर अंकुश लगा सकते हैं। सोमवार को ये बातें परिवहन आयुक्त पी. गुरु प्रसाद ने कहीं।
परिवहन आयुक्त गोमतीनगर स्थित सभागार में मोटर ट्रेनिंग स्कूल के तत्वावधान में आयोजित सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान में वक्ताओं ने यह माना कि होने वाली दुर्घटनाओं के लिए ड्राइवर ही जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि सड़कों पर सालाना होने वाली दुर्घटनाओं के 70 फीसदी मामले सिर्फ 10 फीसदी सड़कों के हैं। इनमें उत्तर प्रदेश की यमुना एक्सप्रेस वे और आगरा एक्सप्रेस वे भी शामिल हैं। ड्राइवर यमुना एवं आगरा एक्सप्रेस वे पर ओवर स्पीडिंग एवं सड़क सुरक्षा के नियमों की अनदेखी करते हैं।
उन्होंने कहा कि इस पर अंकुश लगाने की तैयारी चल रही है। आने वाले वक्त में पुलिस बूथ की स्थापना एवं ओवर स्पीड वाले वाहनों का ई-चालान किया जाएगा। परिवहन आयुक्त ने कहा कि विभाग तीन साल से सीमित संसाधन से सड़क सुरक्षा के लिए काम कर रहा है। कार्यक्रम को पीएचडी चैंबर के अध्यक्ष मुकेश सिंह, अपर परिवहन आयुक्त गंगा फल, पेट्रोलियम मंत्रालय के संदीप वर्मा आदि ने संबोधित किया।
परिवहन आयुक्त ने ऑल इंडिया मोटर ट्रेनिंग स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरीश शर्मा की लर्निग ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने की मांग को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग स्कूल कितने सर्टिफिकेट जारी करते है यह परिवहन विभाग को ही पता नहीं। इसके लिए नियमावली बनेगी और मॉनीटरिंग होगी।