लखनऊ। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के मुखिया शिवपाल यादव ने आज हालांकि वैसे तो भाजपा से अपना कोई लेना देना नही बताया लेकिन साथ ही उनका एक बड़ा ही अजीबो गरीब प्रस्ताव भी सामने आया। दरअसल उन्होंने 2019 के चुनाव में यूपी में संभावित गठबंधन में शामिल होने की इच्छा जताई लेकिन इसके लिए उन्होंने बेहद कड़ी शर्त रखी जिसके तहत उनको चुनाव में 50 फीसदी सीटें मिलें तो वह महागठबंधन में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत में शिवपाल ने कहा कि उनका बीजेपी से कोई लेना देना नहीं है। वह तो सपा-बसपा गठबंधन में 50 प्रतिशत सीट चाहते हैं। अखिलेश यादव द्वारा उनकी पार्टी को बीजेपी की बी पार्टी बताने के सवाल पर शिवपाल ने कहा कि यह लोग अभी तक गठबन्धन क्यों नहीं कर पाए। क्या सीबीआई का डर है?
इतना ही नही बल्कि उन्होंने साफ कहा कि अगर महागठबंधन में उनको फीसदी सीटें नही दी जाती हैं तो फिर वह प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेंगे और मजबूती से लड़ेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि 22 नवंबर को सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन है। हम इसे प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर शान से मनाएंगे। इस मौके पर सैफई में बड़े दंगल का आयोजन भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि लखनऊ में 9 दिसंबर को जन आक्रोश रैली होगी। देश और प्रदेश में हमारे मुद्दों को लेकर हम जनता के बीच में जाएंगे। बहुजन मुक्ति पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया की रमाबाई अंबेडकर मैदान में संविधान बचाओ। ईवीएम हटाओ। देश बचाओ महारैली का सफल आयोजन होगा। जिसमें मौजूदा तमाम अहम समस्याओं पर गंभरता से विचार कर सरकार की उन नीतियों का विरोध किया जायेगा। जिनके चलते हालात बदतर हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है …महिलाओं की आबरू सुरक्षित नहीं है बेरोजगारों युवाओं ने जब भी अपना हक़ सरकार से हाथ मांगा है उनको सिर्फ लाठियां मिली हैं। पारदर्शी चुनाव के लिए पेपर से चुनाव होना चाहिए। प्रदेश की जनता अपने आप को ठगा महसूस कर रही है। नोटबंदी व जीएसटी से देश की जनता पूरी तरह से त्रस्त है। जनता का सभी पार्टियों से मोह भंग हो चुका है।