नई दिल्ली। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अति प्रसिद्ध गढ़ मुक्तेश्वर मेले में आज प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पहुंचने से लोगों में उत्साह और हर्षोल्लास की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री ने वहां पहुंचकर गंगा आरती की। सबसे अहम बात ये है कि योगी पश्चिमी यूपी के प्रमुख धार्मिक स्थल गढ़ मुक्तेश्वर मेले में शामिल होने वाले पहले मुख्यमंत्री हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे लखनऊ से गढ़ मुक्तेश्वर के लिए रवाना हुए थे। मेले में पहुंचकर उन्होंने गंगा के दर्शन के बाद गंगा आरती भी की और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। गढ़ मुक्तेश्वर गंगा किनारे स्थित पौराणिक स्थल है। साथ ही उन्होंने गढ़ गंगा मेले में आयोजित जनसभा में बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान 30 नवंबर तक किए जाने की घोषणा को फिर दोहराया है।
इसी प्रकार उन्होंने गढ़ और तिगरी के बीच आवागमन के लिए गंगा नदी पर परियोजना बनाने के निर्देश हापुड़ और अमरोहा जिला प्रशासन को दिए हैं। उन्होंने कहा कि गंगा नदी के तट पर वेस्ट यूपी में विकास की दृष्टि से परियोजनाएं बनाई जाएंगी।
इसके अलावा उन्होंने कड़े शब्दों में कहा कि वेस्ट यूपी के किसानों और नौजवानों की हर संभव तरीके से सुरक्षा किया जाना प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है। वो बोले कि, चौधरी चरण सिंह के कार्य क्षेत्र बागपत जिले के रामाला चीनी मिल का आधुनिकीकरण कराया जा रहा है, जो फरवरी 2019 तक पूरा हो जाएगा। इसी सत्र में दो नए चीनी मिल भी प्रदेश सरकार स्थापित करने जा रही है।
ज्ञात हो कि हरिद्वार के उत्तराखंड में शामिल होने के बाद इस स्थान का महत्व बढ़ गया है। कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों से अधिक लोग यहां स्नान करने आते हैं। पश्चिमी यूपी में यह एक मात्र स्थान है जहां अस्थियां विसर्जित की जाती है। योगी सरकार ने गढ़ मुक्तेश्वर मेले को राज्य मेले का दर्जा दिया है।