नई दिल्ली। देश की शान एमसी मैरी कॉम ने एक बार फिर विश्व मुक्केबाजी की चैंपियनशिप के खिताब पर कब्जा जमा कर इतिहास रच दिया। तीन बच्चों की मां मैरी ने विश्व चैंपियनशिप के फाइनल (48 किग्रा) में यूक्रेन की हाना ओखोता को हराकर खिताब अपने नाम किया। इस तरह 35 वर्षीय मैरी कॉम छह स्वर्ण पदक जीतने वाली दुनिया की पहली मुक्केबाज बन गईं।
गौरतलब है कि मुकाबला शुरू होते ही पहले राउंड में मैरी कॉम ने मुक्कों की बरसात कर दी। हालांकि दूसरे राउंड में विदेशी मुक्केबाज भारी नजर आईं। तीसरे और आखिरी राउंड में दोनों ही खिलाड़ी बराबर नजर आए, लेकिन मैरी ने अपने जबरदस्त मुक्कों के दम से आखिरकार 5-0 के अंतर से खिताबी मुकाबला अपने नाम कर ही लिया।
जबकि इससे पहले सेमीफाइनल में उत्तर कोरिया की किम ह्यांग मी को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से मात देकर खिताबी मुकाबले में पहुंचीं मैरीकॉम का यह सातवां फाइनल था। यह मणिपुरी मुक्केबाज अब तक छह स्वर्ण और एक रजत पदक अपने नाम कर चुकीं हैं।
ज्ञात हो कि मैरी ने 2001 में हुई पहली महिला बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत जीता था। इसके बाद 2002, 2005, 2006, 2008, 2010 में स्वर्ण जीते। इसके साथ ही मैरी ने आयरलैंड की दिग्गज कैटी को (पांच स्वर्ण) पछाड़ा। जीत के बाद मैरी बहुत भावुक हो गईं। विजेता घोषित होने के बाद वे फूट-फूट कर रोईं। उन्होंने प्रशंसकों का धन्यवाद दिया। ‘सुपरमॉम’ भावनाओं पर काबू नहीं रख पाईं।