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मायावती का भाजपा पर हमला जोरदार, कहा- भावनाएं अच्छी होती तो न करते 5 साल इंतजार

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नई दिल्ली। बसपा मुखिया मायावती ने आज जहां मंदिर मामले में भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अगर भाजपा की भावनायें साफ और अच्छी होतीं तो ऐसे पांच साल इंतजार न करती। वहीं कुछ तथाकथित संगठनों द्वारा दलितों को बरगलाने और बेवकूफ बनाने पर उन्होंने ऐसे संगठनों को बसपा के बढ़ते मूवमेंट का रोड़ा बताया।

गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने आज दिल्ली में प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान भाजपा सरकार पर हमला करते हुए मायावती ने कहा, ‘केंद्र में भाजपा सरकार को पांच साल पूरे होने वाले हैं। कुछ महीनों बाद आम चुनाव होने वाले हैं। भाजपा खासतौर से नरेंद्र मोदी ने 2014 में लोगों से किए गए 50 प्रतिशत वादे भी पूरे नहीं किए हैं। भाजपा और पीएम को यह पता है। उन्हें यह महसूस हो गया है कि वह सत्ता में वापस नहीं आएंगे।’

राम मंदिर के बहाने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए मायावती ने कहा कि वह अपनी असफलताओं से ध्यान हटाने के लिए राम मंदिर के मामले को उठा रहे हैं। यदि उनकी भावनाएं अच्छी होती तो उन्हें पांच साल तक इंतजार नहीं करना पड़ता। यह उनकी राजनीतिक रणनीति है और इसके अलावा कुछ नहीं। उनके सहयोगी जैसे शिवसेना और विश्व हिंदू परिषद जो भी कर रहे हैं वह एक षड्यंत्र का हिस्सा है।

उन्होंने कहा, ‘बसपा को मालूम चला है कि भीम आर्मी, बहुजन यूथ फॉर मिशन 2019- अगली प्रधानमंत्री बहन जी जैसे संगठन हमारे विपक्ष द्वारा पर्दे के पीछे से चलाए जा रहे हैं। जो लोग भी बसपा विरोधी संगठनों को चला रहे हैं वह दलित कालोनियों में रहने वाले हमारे भोले भाले लोगों को बता रहे हैं कि वह बहनजी को प्रधानमंत्री बनाएंगे।’

उन्होंने कहा कि ‘भीम आर्मी जैसे संगठन भोले भाले लोगों को बहका रहे हैं। बसपा के बढ़ते मूमेंट पर ऐसे संगठन रोड़ा है। बसपा सभी धर्मो और जातियों की पार्टी है। व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए ऐसे संगठन बन रहे हैं। इस तरह के संगठन चलाने वाले लोग लोगों से अपना व्यवसाय चलाने और अपने कार्यक्रमों में लोगों को इकट्ठा करने के लिए कह रहे हैं। केवल इतना ही नहीं यह संगठन लोगों से कह रहे हैं कि वह केवल बसपा और बहनजी को मजबूत बनाने के लिए काम कर रहे हैं।

बसपा प्रमुख ने कहा, वह लोगों की भावनाओं से खेल रहे हैं और उनसे फंड इकट्ठा करके उनका इस्तेमाल कर रहे हैं।’ ‘इस तरह के संगठन न केवल अपनी और विपक्ष की स्वार्थी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऐसा करते हैं बल्कि वह हमारे निर्दोष लोगों को ऊंची जाति के खिलाफ उकसाते हैं और नफरत फैलाते हैं।’

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