नई दिल्ली। देश के तमाम सिखों की आशा और अपेक्षा के अनुरूप आज आखिरकार उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने आज भव्य कार्यक्रम के दौरान करतारपुर कॉरिडोर की आधारशिला रखी। इसके साथ ही सिख श्रद्धालुओं का 70 साल लंबा इंतजार खत्म हो गया। सिख समुदाय के लिए करतार साहब काफी मायने रखता है। यह सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है, जहां गुरुनानक देव ने अपने जीवन के 18 साल बिताए।
गौरतलब है कि कार्यक्रम में बोलते हुए उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जो बात कही है, उसे मैं साफ शब्दों में समझाना चाहूंगा। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हम न तो आतंकवाद को बर्दाश्त करेंगे और न ही अपने लोगों को मरने देंगे। ये कोई तरीका नहीं कि अपने स्वार्थ के लिए आप दूसरों की जिंदगी बर्बाद करें। दूसरों की जान लें, खून खराबा करें। दोनों ओर से शांति बनी रहे, जरूरी है कि हम इस नेक काम में मिलकर सहयोग करें।
इसके साथ ही शिलान्यास कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पाकिस्तान को खुली चेतावनी दे डाली। कैप्टन ने कहा कि मैं पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर बाजवा से एक वाल पूछना चाहता हूं। एक सैनिक होने के नाते वे जवाब दें कि कौन सी सेना दूसरे के जवानों को मारने और दूसरे देश में हिंसा फैलाने को कहती है। मैं पाकिस्तान को चेतावनी देना चाहता हूं कि हम पंजाबी हैं और हम आपको अपने देश का माहौल खराब करने नहीं देंगे। अगर फिर भी ऐसा किया गया, तो मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा।
इस कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के साथ पंजाब के गवर्नर वीपी सिंह बदनौर, सीएम कैप्टन अमिरंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, कैबिनेट मंत्री सुखिजंदर सिंह रंधावा, कैबिनेट विजय इंद्र सिंगला, सुखबीर सिंह बादल, पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ समेत अन्य कई राजनीतिक शख्सियतें उपस्थित रहे।
वहीं कार्यक्रम से पहले ही पंजाब सरकार में मंत्री एसएस रंधावा ने एक गजब का कारनामा कर दिया। मंत्री ने नींव पत्थर पर लिखे अपने नाम और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नाम पर काली टेप लगा दी। इस समय सरकार के मंत्री विरोध स्वरूप स्टेज के सामने बैठे हैं और विरोधी नारेबाजी कर रहे हैं। ऐसा करने का कारण पूछे जाने पर मंत्री रंधावा ने बताया कि नींव पत्थर पर प्रकाश सिंह बादल और सुखबीर बादल के नाम के विरोध में उन्होंने ऐसा किया। उन्होंने सवाल उठाया कि नींव पत्थर पर उनके नाम क्यों हैं? वे इसका हिस्सा नहीं हैं और न ही ये अकाली और बीजेपी का इवेंट है।