लखनऊ। पिछले काफी समय से तमाम मुद्दों को लेकर अपनी ही पार्टी से मतभेदों के चलते लगातार विरोध के स्वर मुखर करने वाली बहराइच से भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के दौरान उन्होंने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा देश को मनुस्मृति से चलाना चाहती है।
इतना ही नही बल्कि उन्होंने कहा कि भाजपा दलित, पिछड़ा व मुस्लिम विरोधी है और आरक्षण खत्म करने की साजिश रच रही है। भाजपा पर देश के संविधान को बदलने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने कहा कि न तो संविधान लागू किया जा रहा है और न ही आरक्षण। केंद्र सरकार ने मेरी मांगों को ठुकराया है। क्योंकि सरकार दलित विरोधी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा बहुजनों के हित में कोई कार्य नहीं कर रही है। यहां तक कि समतामूलक समाज की स्थापना करने वाले बाबा साहेब की प्रतिमा तोड़ने वालों के खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। हनुमान जी को दलित बताए जाने पर उन्होंने कहा कि हनुमान जी दलित थे लेकिन मनुवादियों के खिलाफ थे। तभी राम ने उन्हें बंदर बना दिया।
वहीं, राम मंदिर पर उन्होंने कहा कि दलितों को मंदिर नहीं संविधान चाहिए। देश संविधान से चलेगा । मनुस्मृति से नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह कार्यकाल पूरा होने तक सांसद रहेंगी। सिर्फ पार्टी से इस्तीफा दिया है।