नई दिल्ली। सेना प्रमुख विपिन रावत ने आज जहां बुलंदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर की हत्या के आरोपी जीतू फौजी को लेकर किये गये सवाल के जवाब में कहा कि ‘यदि उसके खिलाफ कोई सबूत है और पुलिस को लगता है कि वह संदिग्ध है तो हम उसे उनके सामने पेश कर देंगे। हम पूरी तरह से पुलिस का सहयोग करेंगे।’ वहीं नॉर्दर्न कमांड के जनरल आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल दीपेंद्र सिंह हुड्डा (सेनानिवृत्त) के बयान पर कहा कि ‘यह एक व्यक्ति की अपनी निजी धारणा है इसलिए इसपर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं।
गौरतलब है कि आज बुलंदशहर हिंसा के आरोपी जवान जीतेंद्र मलिक के बारे में किसी भी अपडेट के बारे में पूछे जाने पर सेनाध्यक्ष ने कहा, ‘यदि उसके खिलाफ कोई सबूत है और पुलिस को लगता है कि वह संदिग्ध है तो हम उसे उनके सामने पेश कर देंगे। हम पूरी तरह से पुलिस का सहयोग करेंगे।’ वहीं जनरल हुड्डा के बयान पर सेनाध्यक्ष बिपिन रावत का बयान आया है। उनका कहना है कि वह हुड्डा के शब्दों की इज्जत करते हैं। रावत ने कहा, ‘यह एक व्यक्ति की अपनी निजी धारणा है इसलिए इसपर मैं कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं। वह उन प्रमुख व्यक्तियों में शामिल हैं जिन्होंने इस ऑपरेशन का संचालन किया इस वजह से मैं उनके शब्दों का बहुत सम्मान करता हूं।’
ज्ञात हो कि हुड्डा ने कहा था, सर्जिकल स्ट्राइक ऑपरेशन को सार्वजनिक किया गया, यह सरकार का फैसला था, लेकिन मेरा मानना है कि इस ऑपरेशन का अब राजनीतिकरण ठीक नहीं है। सेना बहुत से ऑपरेशन करती रहती है, लेकिन इन सैन्य अभियानों का इस्तेमाल यदि राजनीतिक फायदा लेने के लिए किया जाए, तो ये देश और सेना दोनों के लिए उचित नहीं है। उन्होंने कहा था कि राजनीतिक और सेना के मुद्दों को अलग-अलग ही रखना बेहतर होगा। उन्होंने आगे कहा था कि सभी सैन्य ऑपरेशन्स को भी सार्वजनिक करने की जरूरत नहीं होती, लेकिन इस ऑपरेशन की परिस्थितियों ऐसी थी कि इसे सार्वजनिक करना पड़ा।