नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ हालांकि वैसे तो मुख्यमंत्री बनाये जाने के एलान के साथ ही विवाद और विरोध की चपेट में आ गये थे। वहीं अब मुख्यमंत्री बनने के बाद बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों के बाबत बयान देकर कमलनाथ एक बार फिर न सिर्फ विवादों में आ गए हैं बल्कि तमाम लोगों और नेताओं के निशाने पर आ गए हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद कमलनाथ ने कहा था कि सरकार की ओर से केवल उन्हीं उद्योगों को अनुदान दिया जाएगा जिनसे मध्यप्रदेश के स्थानीय लोगों को रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि बिहार और उत्तरप्रदेश के लोग रोजगार के लिए यहां आते हैं, जिस वजह स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं मिलता।
दरअसल पहले ही से 84 के दंगों में कमलनाथ की संलिप्तता को लेकर तमाम सिख संगठनों द्वारा उनके मुख्यमंत्री बनाये जाने का विरोध किया गया था। वहीं अब उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को लेकर दिये गये अपने बयान से वो तमाम नेताओं और लोगों के निशाने पर आ गये हैं।
जिसके तहत जहां इस मुद्दे पर बिहार भाजपा के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने ट्वीट करके इस बयान की निंदा करते हुए कांग्रेस पर सत्ता में आते ही नफरत फैलाने का आरोप लगाया। बिहार के नवादा से सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी ट्विटर पर लिखा कि कांग्रेस विदेशियों की तोड़ों और राज करो की नीति पर चल रही है और यूपी-बिहार की जनता इनको मुंह तोड़ जवाब देगी।
इसके साथ ही बिहार में भाजपा की सहयोगी जनता दल (यू) भी इसपर मुखर हो गई है। पार्टी ने कहा कि बिहार और यूपी में कांग्रेस का खस्ताहाल है, यही वजह है कि कांग्रेस यहां के लोगों से दुश्मनी निकाल रही है। यह सब राहुल गांधी के निशाने पर हो रहा है।
इसके अलावा उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने भी कमलनाथ के इस बयान की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के लोगों को किसी के आगे हाथ फैलाने की जरुरत नहीं है। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी कहा कि यूपी व बिहार के लोगों को निशाना बनाना सही नहीं है क्योंकि यहां के लोग ही केंद्र सरकार बनाते हैं।
ज्ञात हो कि कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद जो बात सुर्खियां बटोर रही है वो है उद्योगों को दिए जाने वाले अनुदान को लेकर नई सरकार की नीति। सत्ता संभालने के साथ ही कमलनाथ ने घोषणा की कि सरकार की ओर से अनुदान केवल उन्हीं उद्योगों को दिया जाएगा जिनमें 70 फीसदी स्थानीय लोग कार्यरत होंगे। कमलनाथ ने कहा कि हमने अनुदान को लेकर यह फैसला इसलिए लिया है ताकि स्थानीय लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके।