नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनावों के नजदीक आने के साथ ही देश की सियासत में उठापटक का दौर तेज होना जारी है। हाल के पांच राज्यों के नतीजों के बाद जहां हालात काफी हद तक कांग्रेस के पक्ष में होने लगे हैं तो वहीं मौजूदा वक्त भाजपा के लिए कुछ भारी है। क्योंकि हाल ही में राजग से अलग हुए केन्द्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने अलग होने के साथ ही महागठबंधन का हिस्सा बनकर भाजपा को सकते में तो डाल ही दिया है। वहीं इसी क्रम में लोकजन शक्ति पार्टी के तेवरों से अब भाजपा में खलबली मच गई है जिसके चलते भाजपा अध्यक्ष अमित शाह द्वारा राम विलास पासवान और उनके बेटे चिराग पासवान से मुलाकात किया जाना कोई हैरत की बात नही है। बल्कि एक तरह से वक्त का तकाजा ही है।
गौरतलब है कि दिल्ली में रामविलास पासवान और उनके बेटे चिराग पासवान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करेंगे। नए सियासी माहौल में इस मुलाकात को बेहद अहम बताया जा रहा है। हालांकि रामविलास पासवान ने नाराजगी की खबरों से इनकार किया है। पासवान ने कहा कि बिहार में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर कहा कि कोई नाराजगी नहीं है। चिराग संसदीय बोर्ड के चेयरमैन हैं। वही इस संबंध में बात करेंगे। जबकि वहीं रामविलास के बेटे चिराग पासवान के कुछ बयानों ने भाजपा-लोजपा के रिश्तों में खटास को सामने लाकर रख दिया।
ज्ञात हो कि जहां मंगलवार रात को चिराग ने दो ट्वीट कर पार्टी की नाराजगी का संकेत दिया। उन्होंने 2019 चुनाव के मद्देनजर सीट शेयरिंग को लेकर भी शिकायत की। वहीं बुधवार शाम को उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की खुलकर तारीफ कर दी। इससे कयास लगने लगे कि पासवान एक बार फिर चुनाव से पहले पाला बदल सकते हैं। चिराग ने ट्वीट कर सहयोगी दलों के प्रति भाजपा के रूख पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि भाजपा को अपने सहयोगियों को एकजुट रखने के प्रयास करने होंगे। क्योंकि हाल ही में रालोसपा और टीडीपी जैसे दल एनडीए से अलग हो गए हैं।
इसके साथ ही दूसरे ट्वीट में चिराग ने लिखा कि गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भारतीय जनता पार्टी के नेताओ से मुलाकात हुई परंतु अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पाई है। इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुक़सान भी हो सकता है। इसके साथ ही चिराग पासवान ने राहुल गांधी की दिल खोलकर तारीफ करते हुए कहा था कि राहुल गांधी में स्पष्ट तौर पर एक सकारात्मक बदलाव आया है।
इसके अलावा उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को लंबे समय बाद जीत मिली है। इसका श्रेय राहुल गांधी को देना होगा। अगर आप किसी की आलोचना करते हैं तो आपको बेहतर प्रदर्शन करने पर उसकी तारीफ भी करनी चाहिए। उन्होंने मुद्दे को बेहतर तरीके से उठाया। उन्होंने कहा, जिस तरह से कांग्रेस ने किसानों, बेरोजगारी का मुद्दा उठाया, मुझे लगता है कि उन्होंने बेहतर तरीके से इसे उठाया। हम धर्म और मंदिर में उलझे रहे। मैं फिर सरकार से गुजारिश करता हूं कि हम आने वाले समय में विकास के मुद्दे पर ही फोकस करें।