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जाको राखे साईयां मार सके न कोय: जब एक पेड़ बना वरदान, मासूम बच्चे की बचाई जान

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नई दिल्ली। गुरुवार सुबह उस वक्त एक बेहद ही खौफनाक लेकिन दिलचस्प वाक्या पेश आया जब  एक 14 महीने का बच्चा चौथी मंजिल की स्लाइडिंग खिड़की से नीचे गिर गया लेकिन सौभाग्य से वह बच गया। इस बच्चे का नाम अथर्व बरकड़े है जिसे प्यार से श्री बुलाया जाता है। वह जमीन से फिसलकर खिड़की के बाहर एक पेड़ पर गिर गया। यह घटना बीएस देवांशी रोड पर स्थित गोपी किशन इमारत में सुबह 8.45 बजे घटित हुई।

गौरतलब है कि मुंबई के गोवंडी में गोपी किशन इमारत में बच्चे के पिता अजीत बरकड़े, पत्नी ज्योति, अपने माता-पिता, अपने दादा-दादी, चाचा-चाची और कजिन बहन के साथ रहते हैं। अथर्व की दादी मंगल ने कपड़े सुखाने के लिए लिविंग रूम की खिड़की खोल दी थी जिसमें कोई ग्रिल नहीं थी। उन्होंने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि खड़की ठीक तरह से बंद नहीं हुई है।

अचानक अथर्व जो लिविंग रूम में खेल रहा था वह खिड़की की तरफ भागा और वहां से नीचे गिर गया। मंगल ने कहा, ‘हम यह महसूस करने में असफल रहे कि क्या हुआ है जब अथर्व लिविंग रूम में खेल रहा था। जब खिड़की की तरफ भागा और नीचे गिर गया।’ अजीत ने तुरंत शोर मचाया और परिवार अथर्व को देखने के लिए नीचे उतरा लेकिन वह खिड़की के नीचे पेड़ पर अटका हुआ था।

पेड़ ने हालांकि गिरावट के प्रभाव को कम कर दिया था। जब उसे उठाया गया तो अथर्व रो रहा था और परिवार उसे दो निजी अस्पतालों में लेकर गया। इसके बाद उसे मुलुंड के फोर्टिस अस्पताल लेकर पहुंचा। दोनों अस्पताल बच्चे को भर्ती नहीं कर पाए क्योंकि उनके पास उस समय पर्याप्त बाल चिकित्सा सुविधा नहीं थी। फिलहाल वह आईसीयू में भर्ती है।

वरिष्ठ इंस्पेक्टर शशिकांत माने ने कहा, ‘बच्चा स्थिर लग रहा है। उसे होठों और एक पैर में चोट लगी है। पेड़ की वजह से हालांकि गिरने का प्रभाव कम हो गया।’ यह परिवार जनवरी में गोपी किशन इमारत में शिफ्ट हुआ था। कुछ फ्लैट्स में अभी खिड़कियों पर ग्रिल लगाया जाना बाकी है। बरकड़े परिवार का उर्वरक, खाद और मिट्टी की सप्लाई का व्यापार है।

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