नई दिल्ली। वर्ष 2010 की सिविल सेवा परीक्षा में टॉप पर रहे और देश की अहम सेवा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी शाह फैसल ने आखिरकार तमाम विसंगतियों और देश तथा कश्मीर में मुसलमानों की हालत का हवाला देते हुए आज इस सेवा से ही इस्तीफा देने का फैसला किया है। हालांकि फैसल ने फेसबुक पर एक पोस्ट में यह घोषणा की है।
गौरतलब है कि फैसल के करीबी सूत्रों ने बताया कि अधिकारी ने सेवा से इस्तीफा देने के अपने फैसले को लेकर सरकार को अनिवार्य सूचना भेज दी है। सूत्रों का कहना है कि वह नेशनल कांफ्रेंस में शामिल हो सकते हैं और वह कश्मीर घाटी के बारामूला निवार्चन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। फैसल ने वर्ष 2010 में आईएएस परीक्षा में टॉप किया था।
उन्हें जम्मू एवं कश्मीर का होम कैडर आवंटित किया गया था। जहां उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट, स्कूल शिक्षा निदेशक और राज्य के स्वामित्व वाले पावर डेवलपमेंट कॉपोर्रेशन के प्रबंध निदेशक के रूप में काम किया। वह हाल ही में हार्वर्ड केनेडी स्कूल में फुलब्राइट फैलोशिप पूरा करने के बाद अमेरिका से लौटे थे।
वहीं फेसबुक पर एक पोस्ट में अपने इस्तीफे की घोषण करते हुए उन्होंने लिखा, “कश्मीर में लगातार हत्याओं के मामलों और केंद्र सरकार की ओर से कोई गंभीर प्रयास नहीं होने के चलते, हिंदूवादी ताकतों द्वारा करीब 20 करोड़ भारतीय मुस्लिमों को हाशिये पर डालने की वजह से उनके दोयम दर्जे का हो जाने, जम्मू कश्मीर राज्य की विशेष पहचान पर कपटपूर्ण हमलों और भारत में अति-राष्ट्रवाद के नाम पर असहिष्णुता और नफरत की बढ़ती संस्कृति के विरुद्ध मैंने आईएएस से इस्तीफे का फैसला किया है।”
ज्ञात हो कि पिछले साल जुलाई में फैसल शाह ने एक विवादित ट्वीट किया था। जिसके बाद वो मुश्किलों में फंस गए थे। शाह ने रेप की बढ़ती घटनाओं पर ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा था कि ‘पितृसत्ता + जनसंख्या + निरक्षरता + शराब + पोर्न + टेक्नालॉजी + अराजकता = रेपिस्तान!’