लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हाल में खनन मामलों में हुई छापेमारी पर भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए आज प्रगतिशील समाजवादी पार्टी प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि भाजपा ने खनन मामलों की जांच करने में बहुत देर कर दी। उन्होंने कहा, 2007 से 2012 तक (बसपा सरकार में) खनन की जांच होनी चाहिए थी। सरकार बने दो साल होने जा रहे हैं, अब जांच लोकसभा चुनाव की वजह से कराई जा रही है।
गौरतलब है कि आज पत्रकार वार्ता के दौरान शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि 2004 से 2007 तक मैं भी खनन मंत्री रहा हूं। मुझ पर आज तक कोई आरोप नहीं लगा। खनन में जो बेइमानी हुई है, उससे जनता को महंगाई का सामना करना पड़ा। मिट्टी, गिट्टी, बालू सभी महंगे मिले। भाजपा ने खनन की जांच में बहुत देरी कर दी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए सभी सेकुलर पार्टियों से गठबंधन के विकल्प खुले हैं बशर्ते वे सम्माजनक सीटें देने को तैयार हों। उन्होंने पिछड़े सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण का समर्थन किया लेकिन आशंका जताई कि कहीं यह भी जुमला बनकर न रह जाए।
उन्होंने कहा कि गरीब सवर्णों को आरक्षण देने की मांग प्रसपा (लोहिया) ने अपनी रैली में उठाई थी। हम इसके पक्ष में है लेकिन भाजपा पर भरोसा नहीं है। भाजपा ने चुनाव में जो वादे किए, उनमें एक बी पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा कि प्रसपा सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई लड़ रही है। भाजपा को छोड़कर कांग्रेस समेत अन्य दलों से बातचीत के लिए तैयार हैं। उनके साथ गठबंघन के विकल्प खुले हैं।