पटना! लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने सवर्ण आरक्षण को देरी से उठाया गया सही कदम बताते हुए निजी क्षेत्र की नौकरियों में भी आरक्षण लागू करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर को सवर्ण आरक्षण को मिलाकर 60 फीसदी आरक्षण की जरूरत है. यह संभव नहीं है तो न्यूनतम आरक्षण तो होना ही चाहिए.
सवर्ण आरक्षण के लिए संविधान संशोधन किया गया है. दोबारा सरकार बनने पर इसे नौंवे अनुसूची में रखेंगे, ताकि इसे कानूनी चुनौती न दी जा सके. पार्टी कार्यालय में शुक्रवार को प्रेस वार्ता में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम गरीब सवर्णों के लिए 15 फीसदी आरक्षण मांग कर रहे थे. हम खुश हैं. राजद के पेट में दर्द हो रहा है. किसी का हिस्सा नहीं छीना जा रहा है, तो विरोध क्यों? राजद को इसके विरोध से लोकसभा की एक भी सीट नहीं मिलेगी. डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह, जगदानंद सिंह किस मुंह से वोट मांगेंगे. कांग्रेस तो दोमुंहा सांप है. महागठबंधन विभाजित होगा. पासवान ने कहा कि सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान यूपी-बिहार में एनडीए को जिताने में मदद करेगा. पिछड़ी जातियों के सर्वाधिक जनाधार वाली पार्टियों द्वारा जनसंख्या के आधार पर आरक्षण की मांग के सवाल पर कहा कि ऐसी पार्टियां तब क्यों नहीं आरक्षण के प्रावधानों को बदलतीं, जब वे सत्ता में होती हैं. उन्होंने बिल के विरोध में वोटिंग क्यों नहीं की?