लखनऊ। देश और प्रदेश में स्कूली बच्चों के वाहनों से होने वाले तमाम दिलदहलाने वाले हादसों को देखते तकरीबन हर हादसे के बाद परिवहन विभाग की सक्रियता सामने आती है उसके बाद मामला ठंडा होते ही सब कुछ ठंडा पड़ जाता है। जिसकी बानगी है कि आज प्रदेश के जनपद भदोही में एक ऐसा खौफनाक हादसा सामने आया है जिसमें अगर एक महिला और उसके पति ने अपनी जान जोखिम में डाल उन स्कूली बच्चों की मदद न की होती तो शायद डेढ़ दर्जन बच्चे वैन में ही जलकर राख हो जाते। हद और बेहद ही शर्म की बात है कि बच्चों से भरी वैन के आग पकड़ते ही वैन चालक अपनी जान बचाकर भाग खड़ा हुआ और बच्चे वैन में लॉक रह गए थे।
गौरतलब है कि प्रदेश के जनपद भदोही में शनिवार को स्कूल वैन में आग लगने का हादसा हुआ। स्कूल वैन में लगा सिलेंडर फटने के कारण 16 बच्चे और दो महिलाएं झुलस गए। जिलाधिकारी राजेन्द्र प्रसाद ने शनिवार को बताया कि घायल बच्चे पहली से पांचवी कक्षा के हैं और उनकी उम्र पांच से आठ साल के बीच है। प्रसाद ने बताया कि सभी 16 बच्चों और दो महिलाओं को इलाज के लिए वाराणसी के ट्रॉमा सेंटर भेजा गया है। उन्होंने बताया कि बच्चे 30 से 90 फीसदी जल गए हैं। चार बच्चों की हालत गंभीर है। स्कूल वैन चालक ने हैवानों वाला काम किया। जैसे ही वैन में आग लगी वह बच्चों को बिलखते हुए छोड़कर मौके से भाग गया। गेट लॉक वैन में मासूम छटपटाते रहे। उधर, मौके पर एक महिला और उसके पति ने अपनी जान की परवाह न करते हुए दौड़कर बच्चों को निकालने का प्रयास शुरू किया। इसके बाद ग्रामीणों ने रंबा की मदद से वैन का गेट तोड़ा। बच्चों को निकालने में महिला और उसका पति झुलस गया।
बताया जाता है कि ज्ञानपुर नगर में नथई पुर रोड पर गोसाईं बाजार निवासी सुशील कुमार किराए के मकान में एससी कान्वेंट स्कूल नाम से स्कूल चलाता है। स्कूल की न तो मान्यता है और न ही अन्य मानक पूरे होते हैं। बताया जाता है कि नवोदय विद्यालय में प्रवेश के लिए कोचिंग की आड़ में पांचवीं तक कक्षाएं भी संचालित हो रहीं थीं। स्कूल के बच्चों को एक मारुति वैन से लाया जाता था। शनिवार को चालक द्वारा वैन बैक करते समय रसोई गैस सिलेंडर से संचालित वैन में गैस रिसाव के चलते आग लग गई। उस समय वैन में लगभग डेढ़ दर्जन बच्चे सवार थे।
वहीं बेहद ही हद और हैवानियत वाली बात ये रही कि आग लगने के बाद चालक वैन का गेट लॉक छोड़कर फरार हो गया। जब वैन जलने लगी तो उसमें मौजूद बच्चे छटपटाने लगे। मौके पर मौजूद सीता शुक्ला (55) नाम की महिला ने दौड़कर बच्चों को निकालने का प्रयास शुरू किया। ग्रामीणों ने रंबा की मदद से वैन का गेट तोड़ा। लेकिन तब तक 14 बच्चे झुलस चुके थे। बच्चों को निकालने में महिला के अलावा उनके पति जटाशंकर भी झुलस गए। ग्रामीणों द्वारा 108 एंबुलेंस को फोन किये जाने के बावजूद जब काफी देर तक मौके पर नहीं पहुंची तो ग्रामीणों ने खुद ही बच्चों को जिला अस्पताल पहुंचाया।