डेस्क। एक तरफ कश्मीर घाटी में जहां कल मारे गए आतंकी जीनत के पिता ने बेहद ही बेतुका बयान देते हुए कहा कि ये रोने और मातम मनाने के बजाय फक्र की बात है। वहीं उत्तर प्रदेश में आतंकी गतिविधियों के चलते जारी सुरक्षा एजेंसी एनआईए की छापेमारी से जागरूक होकर एक गांव के लोगों ने महापंचायत कर तमाम ऐसे आतंकी गतिविधियों में संलिप्त तथा गैरकानूनी काम करने वाले तत्वों के लिए बेहद ही अहम और बड़ा ऐलान किया है। जो वाकई देश-प्रदेश ही नही वरन एक सभ्य समाज के लिए बड़े ही गर्व की बात है। साथ ही बाकियों के लिए मिसाल भी है।
गौरतलब है कि मेरठ में किठौर थाना क्षेत्र के राधना गांव में एनआईए की कार्रवाई के बाद लोगों में जागरूकता आई है। रविवार को गांव में स्थित मदरसे में अवैध धंधे से जुडे़ लोगों के खिलाफ कई गांवों के लोगों की महापंचायत आयोजित की गई। जिमसें उलमा-ए-दीन भी शामिल हुए। पंचायत में मौजूद लोगों ने असामाजिक तत्वों का सामाजिक बहिष्कार करने की शपथ ली। महापंचायत में मौजूद ग्रामीणों ने स्वीकारा कि उन्हीं की ढिलाई से गांव में गलत धंधा करने वालों के हौसले बढ़े हैं। ग्रामीणों ने कहा कि चंद लोगों की वजह से देश की बड़ी-बड़ी सुरक्षा एजेंसियां यहां दबिश दे रही हैं। ऐसे में गांव के सम्मानित लोगों का जीना मुहाल हो गया है। साथ ही गांव की बदनामी पूरे देश में आतंक के पर्याय के रूप में उभर रही है।
ज्ञात हो कि एनआईए की छापेमारी से बदनाम हुए राधना गांव में ही स्थित इस्लामिया मदरसे में हथियार तस्करी, गोकशी, जुआ, सट्टा या कोई अन्य गलत काम के विरोध को लेकर महापंचायत हुई। इस महापंचायत के दौरान जमीयत उलमा मेरठ के जिला सदर मौलाना अमीर आलम ने पंचायत में कहा कि इस्लाम आपसी सौहार्द और अमन का पैगाम देता है। फिर मजहब-ए-इस्लाम और सच्चे मुसलमान से किसी भी कौम और बिरादरी को नुकसान नहीं पहुंच सकता। उन्होंने महापंचायत में मौजूद लोगों को अवैध धंधा करने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने की शपथ दिलाई। राधना के पूर्व ग्राम प्रधान अब्दुल जब्बार ने कहा कि गांव में पल रहे आपराधिक प्रवृत्ति के कुछ लोगों ने देश भर में गांव की बदनामी करा दी है। राधना की पहचान न सिर्फ मेरठ बल्कि पूरे देश में हथियार तस्करों के नाम से होती जा रही है।
बताया जाता है कि दरअसल कुछ आपराधिक छवि के लोगों की वजह से पहले दूसरे राज्यों और जिलों की पुलिस भी अवैध हथियारों, कारीगरों और तस्करों की तलाश में दबिश देती रही है। लेकिन किसी भी ग्रामीण ने कोई आवाज नहीं उठाई। जिसके चलते राधना अब एनआईए के रडार पर आ गया है। इस बैठक में पूर्व प्रधान उमर अली, विरेंद्र चेयरमैन, प्रधानाचार्य ओमवीर, मौलाना जुनैद, मुफ्ती सद्दाम, मौलवी अब्दुल्ला ने विचार व्यक्त किए। लोगों ने अमन शांति कायम रखने और असामाजिक तत्वों के विरोध पर जोर दिया। इस दौरान बहरोड़ा, इंद्रपुरा, भगवानपुर, नवल, ललियाना, शौंदत और किठौर के सैकड़ों लोग शामिल रहे।