नई दिल्ली। जब भी कोई चुनाव आता है जाने क्यों किसी न किसी अपने नेता के चक्कर में कांग्रेस का मामला बिगड़ जाता है। इसी को देखते ही शायद अब कांग्रेस ने लंदन में सोमवार को आयोजित कथित ‘ईवीएम हैक्थॉन’ कार्यक्रम में अपने वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल की उपस्थिति से किनारा कर लिया है। पार्टी ने कहा कि उसका इससे संबंध नहीं है। साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव में वीवीपैट की कम से कम 50 फीसदी पर्चियों का मिलान कराने की मांग दोहराई।
गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने पत्रकारों से कहा, ईवीएम को लेकर तमाम विपक्षी दलों ने अपनी आशंका जताई है। इस संदर्भ में चुनाव आयोग को ज्ञापन भी दिया गया था। मांग की गई थी कि मत पत्र से दोबारा चुनाव कराए जाएं। कई देश ईवीएम से फिर मत पत्र की तरफ लौटे हैं। उन्होंने कहा, हमारी मांग यह है कि चुनाव आयोग यह सुनिश्चित कराए कि वीवीपीएटी की 50 फीसदी पर्चियों का मिलान कराया जाए।
इसके साथ ही शर्मा ने ईवीएम हैकथॉन में कांग्रेस की भूमिका संबंधी केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, इस सरकार की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। इनकी विदाई निश्चित है। इससे पहले, कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सोमवार को कहा था कि ईवीएम से जुड़े संदेह को खत्म करने के लिए चुनाव आयोग आगामी लोकसभा चुनाव में 50 फीसदी वीवीपैट का मिलान सुनिश्चित करे।
ज्ञात हो कि केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने मंगलवार को आरोप लगाया कि लंदन में हुए ईवीएम हैकिंग कार्यक्रम (ईवीएम हैकथॉन) का आयोजन कांग्रेस ने किया था। इसमें एक कथित साइबर विशेषज्ञ ने 2014 आम चुनाव में ईवीएम को हैक करने का दावा किया था। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने नई दिल्ली में यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कार्यक्रम कांग्रेस द्वारा प्रायोजित था। उन्होंने कहा, कार्यक्रम का आयोजन ‘इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन’(आईजेए) ने किया था, जिसके अध्यक्ष आशीष रे खुद को प्रतिबद्ध कांग्रेसी कहते हैं।