नई दिल्ली। अक्सर ऐसा होता है कि चुनावों के नजदीक आते-आते कांग्रेस के कुछ नेता ऐसा कुछ कर जाते हैं और भाजपा को मुद्दा दे जाते हैं। इसी क्रम में जब लोकसभा चुनाव सिर पर हैं और कर्नाटक में वैसे भी सरकार तथा कांग्रेस दोनों ही के समीकरण रोज ही बदल रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा आवेश में आकर एक महिला से की गई बदसलूकी हाल-फिलहाल न सिर्फ एक बड़ा मुद्दा बन गई है बल्कि भाजपा के लिए कांग्रेस को घेरने का साधन भी।
गौरतलब है कि कर्नाटक से कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा पब्लिक मीटिंग के दौरान एक महिला से बदसलूकी का मामला सामने आया है। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया एक मीटिंग में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। इसी दौरान जब एक महिला उठकर अपनी बात रखने लगी तो उसकी किसी बात पर पूर्व सीएम भड़क उठे। इतना ही नही बल्कि उन्होंने सामने खड़ी होकर सवाल पूछ रही महिला के हाथ से माइक छीन लिया। माइक के साथ महिला का दुपट्टा भी खिंच गया। सिद्धारमैया यहीं नहीं रुके, महिला ने जब दोबारा अपनी समस्या बतानी शुरू की तो सिद्धारमैया ने उसपर चिल्लाते हुए कंधे से पकड़कर नीचे बिठा दिया।
इसके बाद वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने महिला को शांत करने की कोशिश की। हद की बात ये है कि महिला फिर से पूर्व सीएम से कुछ पूछने लगी तो सिद्धारमैया खड़े होकर महिला पर जोर-जोर से चिल्लाने लगे। हालांकि महिला से बदसलूकी के बाद कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के बचाव में आए वहीं जबकि कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू राव ने सिद्धारमैया का बचाव करते हुए कहा कि कभी-कभी जब लोग जोश में सवाल पूछते हैं और उनको सुनने के बाद भी जब वो नहीं रुकते तो तुम्हें उनके हाथ से माइक खींचना पड़ता है। जब माइक छीना तो महिला का दुपट्टा साथ में खिंच गया। उनका इस तरह का कोई इरादा नहीं था।
वहीं इस मामले को लेकर भाजपा ने राहुल गांधी पर हमला किया है। जिसके तहत जहां केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राहुल गांधी को बताना चाहिए कि वह उनके साथ क्या करेंगे। जिस तरह से उन्होंने महिला के साथ दुर्व्यवहार किया यह एक अपराध है। इसी से पता चलता है कि वो महिलाओं की कितनी इज्जत करते हैं। वे तंदूर मामले के बाद से अभी तक नहीं बदले हैं। वे केवल एक परिवार की महिलाओं का सम्मान करते हैं। जानकारों के अनुसार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया द्वारा महिला से की गई बदसलूकी मौजूदा हालातों में कुल मिलाकर कांग्रेस के लिए नुक्सान दायक साबित हो सकती है।