नई दिल्ली! पाकिस्तान का हुक्का-पानी बंद करने के लिये दुनिया के कम से कम पच्चीस देश भारत के साथ खड़े हो गये हैं.कई देशों के राजनयिक मिशनों के मुखिया ने बिना किसी संदेह के यह स्वीकार किया पाकिस्तान के समर्थन वाले और वहां से संचालित होने वाले जैश-ए-मोहम्मद ने इस आतंकी घटना को अंजाम दिया है. यही नहीं सभी देशों ने भारत की इस मांग से भी सहमति जताई कि पाकिस्तान को आतंकवाद को किसी भी तरह का समर्थन बंद करना चाहिए. विदेश सचिव ने इन मुलाकातों के दौरान बताया कि पाकिस्तान किस तरह से अपनी विदेश नीति में आतंकवाद को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करता है.
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक आतंकी घटना में पाकिस्तान के रोल को उजागर करने के लिए लगातार प्रयास किए जाते रहेंगे. इसके साथ ही जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई के लिए भी पूरी कोशिश की जाएगी. भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने दिल्ली स्थित करीब पच्चीस देशों के मिशनों के मुखिया से मुलाकात की. इनमें वीटो पॉवर वाले देशों के प्रतिनिधि, सभी दक्षिण एशियाई देशों के डेलिगेट्स और जापान, जर्मनी एवं कोरिया जैसे प्रमुख मित्र राष्ट्रों के राजनयिक भी शामिल थे. इसके अतिरिक्त विदेश सचिव गोखले से चीन के राजदूत ने अलग से विचार-विमर्श किया है.
बताया जा रहा है कि दुनिया भर के देशों का दबाव चीन पर लगातार बढ़ता जा रहा है. इन परिस्थितियों में अब चीन को पाक का साथ लंबे समय तक देना मुमकिन नहीं होगा. चीन ने पाकिस्तान में खरबों डॉलर का निवेश कर रखा है. चीन को भय है कि अगर उसने पाक का साथ छोड़ा को तो पाकिस्तान उसके पैसे की वापसी नहीं करेगा. इससे चीन की आर्थव्यवस्था पर विपरीत असर पड़ सकता है. विदेश सचिव गोखले से बात-चीत के बाद संकेत मिले हैं कि चीन अपने पाकिस्तान के प्रति अपने रवैये में बदलाव कर सकता है.