वाशिंगटन! अमेरिका में वीजा धोखाधड़ी में गिरफ्तार हुए 129 में से 19 भारतीय छात्रों को देश लौटने की इजाजत दे दी गई है. भारतीय छात्रों के अलावा एक फलस्तीनी छात्र को भी देश लौटने की इजाजत मिली है. मिशिगन में एक स्थानीय कोर्ट ने यह मंजूरी दी है. बताते चलें कि फेडरल एजेंट्स ने एक फर्जी यूनिवर्सिटी के जरिये वीजा धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया था. डिपार्टमेंट्स ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के अंडरकवर एजेंट्स ने ‘पे-टू-स्टे स्कैम’ (अमेरिका में रहने के लिए भुगतान करने का घोटाला) का भंडाफोड़ किया था. बताया जा रहा है कि जिन छात्रों को देश लौटने की मंजूरी मिली है, वे दक्षिण भारतीय हैं. 20 छात्रों को 31 जनवरी से यहां दो डिटेंशन सेंटर में रखा गया है.
अमेरिकन तेलंगाना एसोसिएशन के प्रतिनिधि वेंकट मनथेना ने बताया है कि एक छात्र की शादी अमेरिकी नागरिक से हुई है. यह छात्र अमेरिका में रहकर अपना केस खुद लड़ना चाहता था. वहीं, बाकी छात्रों को अमेरिका छोड़ने की अनुमति दे दी गई है. इस सभी को 26 फरवरी तक अमेरिका को छोड़ना होगा. इन छात्रों को ‘यूएस गवर्नमेंट रिमूवन’ ऑर्डर के तहत भारत जाने की अनुमति मिली है. वहीं, 100 से अधिक तेलुगु भाषी छात्रों को डिटेंशन सेंटर में रखा जा रहा है. आंध्र प्रदेश नॉन-रेजिडेंट तेलुगु सोसाइटी के को-ऑर्डिनेटर सागर दोड्डापानेनी ने कहा कि कुछ छात्र जमानत पर डिटेंशन सेंटर से बाहर आ गए हैं. वहीं, अन्य छात्र बेल हासिल करने की प्रक्रिया में हैं.