नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते पाकिस्तान के तीन पूर्व विदेश सचिवों ने अपनी सरकार को आगाह किया है कि वह भारत की किसी आक्रामक कार्रवाई से निपटने के लिए तैयारी करके रखे और संकट को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए कूटनीति की मदद ले।
गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। इस हमले की साजिश पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने रची थी। इस बर्बर घटना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सुरक्षा बलों को इसका बदला लेने के लिए खुली छूट दे दी गई है।
डॉन समाचारपत्र में प्रकाशित एक संयुक्त लेख में तीन पूर्व विदेश सचिव रियाज हुसैन खोखर, रियाज मोहम्मद खान और इनामुल हक ने दोनों देशों की मीडिया, राजनीतिक नेतृत्व, खुफिया संस्थानों और लोगों की राय बनाने वालों से अपील करते हुये कहा है कि वे अशांत वातावरण में कुछ संतुलन बनाने के उपाय करने और संयम बरतने की जिम्मेदारी दिखाएं।
ए टाइम फॉर रीस्ट्रेंट नाम से छपे इस लेख में कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के मध्य तनाव खतरनाक स्तर पर है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सेना को पुलवामा का बदला लेने के लिए खुली छूट दे दी है। उन्होंने कहा कि पुलवामा मुंबई नहीं है क्योंकि एक स्थानीय किस्म की कार्रवाई हो सकती है।
हालांकि मुंबई हमले के बाद भारत ने संयम बरता था। उस के विपरीत अब नयी दिल्ली ने युद्ध का नगाड़ा बजा दिया है। उन्होंने लिखा, सर्वप्रथम, पाकिस्तान को बिना कुछ उकसावा किए किसी संभावित आक्रामक कार्रवाई को नाकाम करने के लिए तैयार रहना चाहिए। तैयारी खुद ही तनाव में किसी इजाफे को नाकाम कर देगी।