नई दिल्ली। आज सुबह जब भारत और पाक के लोग अपनी गहरी नींद में थे लेकिन हमारी बहादुर जांबांज वायुसेना ने पुलवामा हमले के महज 12 दिन के अंदर ही बदले की पहली कड़ी के तहत आखिरकार कारवाई की बहुत बड़ी। हमारी जांबांज वायुसेना ने आज नापाक पाक के घर में घुसकर उसको अपनी औकात बताते हुए बालाकोट स्थित जैश के आतंकी ठिकानों को बुरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया। वहीं बड़ी और अहम बात ये है कि वायुसेना की पूरी टीम कारवाई को अंजाम देकर सकुशल वापस लौट आई। इस दौरान तकरीबन 300 से अधिक जैश के आतंकी मारे गए। इस हमले के बाद पूरे देश में गर्व और हर्ष की लहर है।
गौरतलब है कि आज भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में घुसकर किए गए हमले की पुष्टि करते हुए साफ किया किया कि भारतीय लड़ाकू विमानों ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया है। भारतीय विदेश सचिव गोखले ने कहा कि इस हमले में जैश के कई आतंकी मारे गए हैं। वहीं विजय गोखले ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पुख्ता खुफिया सूचना मिली थी कि जैश के आतंकी भारत में और आत्मघाती हमले करने के फिराक में है, भारत द्वारा हमला करना जरूरी हो गया था। हमने बालाकोट में जैश के ट्रेनिंग कैंप पर हमला किया, जिसमें कई बड़े आतंकी, सीनियर कमांडर और जेहादी मारे गए हैं।’
हालांकि इस बाबत सबसे पहले समाचार एजेंसी एएनआई ने भारतीय वायुसेना के सूत्रों के हवाले से बताया, ’26 फरवरी की तड़के भारतीय लड़ाकू विमान मिराज 2000 के एक समूह ने एलओसी पारकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी कैंप पर बमबारी की और उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया। आतंकी कैंप पर 1000 किलो बम गिराए गए। इस अभियान में 12 मिराज विमानों ने हिस्सा लिया। बालाकोट, चकोठी और मुजफ्फराबाद के एलओसी स्थित आतंकी कैंप लांच पैड्स को वायुसेना हवाई हमलों में पूरी तरह से नष्ट कर दिया। जैश-ए-मोहम्मद के नियंत्रण कक्ष को पूरी तरह से तबाह कर दिया गया।’
वहीं इस बाबत सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि वायुसेना के विमान ने आतंकी कैंप पर एक हजार किलोग्राम के बम गिराए। जिसमें आतंकी कैंप पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। इस दौरान पाकिस्तान के एफ16 विमान ने भारतीय वायुसेना के मिराज 2000 को जवाबी कार्रवाई देने की कोशिश की लेकिन भारतीय फॉर्मेशन के आकार के कारण वह ऐसा नहीं कर पाए। इस अभियान को वेस्टर्न एयर कमांड ने अंजाम दिया। वायुसेना के मिराज ने जिस लक्ष्य को नष्ट किया उनमें से एक पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा का क्षेत्र भी शामिल है। वायुसेना ने इस अभियान के लिए लेजर गाइडेड बम का इस्तेमाल किया।
बताया जाता है कि जिन एयरबोर्न अर्ली वार्निंग विमानो का इस्तेमाल इस अभियान में किया गया उन्हें हमने इजरायल से खरीदा है। पिछले तीन दिनों से हिंडन एयरबेस पर इस तरह के विमानों को अलर्ट पर रखा गया है। वहीं सीमा पर तनाव के मद्देनजर भारतीय वायुसेना ने अपने सभी अतंरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर स्थित एयर डिफेंस सिस्टम को हाई अलर्ट पर रहने के लिए कहा है। ऐसा पाकिस्तानी सेना की तरफ से होने वाली संभावित कार्रवाई के मद्देनजर किया गया है।
जबकि पहले तो पाकिस्तान द्वारा इस कारवाई को लेकर बरगलाने की बखूबी कोशिश भी की गई। इससे पहले पाकिस्तानी सेना के डीजी आईएसपीआर आसिफ गफूर ने आरोप लगाया था कि भारतीय वायुसेना का विमान एलओसी पार करके पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में घुस आया था। जिसका पाकिस्तानी सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और वायुसेना को वापस लौटना पड़ा। अपने पहले ट्वीट में गफूर ने लिखा था, ‘भारतीय वायुसेना ने एलओसी का उल्लंघन किया। पाकिस्तानी वायुसेना ने तुरंत उसका जवाब दिया। भारतीय विमान वापस लौटे। इसके बारे में ज्यादा जानकारी जुटाई जा रही है।’
वहीं इसके बाद अपने दूसरे ट्वीट में गफूर ने लिखा, ‘भारतीय विमानों ने मुजफ्फराबाद इलाके से घुसपैठ की। पाकिस्तानी वायुसेना ने समय पर और प्रभावी कार्रवाई की जिसके कारण भारतीय वायुसेना वापस लौट गई। किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ और न ही कोई हताहत हुआ।’ इससे पहले पिछले शुक्रवार को आसिफ गफूर ने कहा था कि हम जंग के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं लेकिन यदि दूसरी तरफ से युद्ध होता है तो हम उसका उचित जवाब देंगे। वहीं सोमवार और मंगलवार की सुबह पाकिस्तान ने राजौरी और पुंछ जिलों में एलओसी पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया।