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एक साथ होने चाहिए विधानसभा और लोकसभा का चुनाव- अमित शाह

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नई दिल्ली। राज्यसभा में आज पहली बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बोलते हुए भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और उन्हें अलग नजरिये से देखने की नसीहत दी।

उन्होंने कहा कि चुनाव एक साथ होने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर पंचायत से लेकर संसद के चुनाव एक साथ होते हैं तो काफी खर्च में बचत होगी और बार-बार आचार संहिता लगने से विकास में आने वाली बाधा भी दूर होगी।

जीएसटी पर अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने कभी भी जीएसटी का विरोध नहीं किया था। हां इसके तरीकों का विरोध जरूर किया था। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय राज्य सरकारों को 37000 करोड़ का नुकसान हुआ था। जो एनडीए सरकार ने चुकाया है।

अमित शाह ने कहा कि सरकार ने जब काम-काज संभाला, तब सरकार के पास विरासत में क्या था? जिस प्रकार के गड्डे थे उन गड्डों को भरने में ही सरकार का बहुत समय निकल गया। इसलिए विरासत में मिले गड्डों को भरने के बाद इन उपलब्धियों को एक अलग नजिरये से देखा जाना चाहिये।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि 2013 में जो हालत देश की थी उसे याद कीजिये कि देश में विकास की गति काफी गिरी हुई थी। देश में महिलायें सुरक्षित नहीं थीं। सीमा की सुरक्षा में तैनात जवान सरकार के अनिर्णय के कारण कुछ नहीं कर पा रहे थे।

साथ ही अमित शाह ने कहा कि पकौड़े बेचना बेरोजगारी से तो अच्छा ही है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक इंटरव्यू में पकौड़े बेचने को रोजगार बताया था।

अमित शाह ने कहा कि पूरे दुनिया में जितने भी लोकतंत्र हैं उन्हें खंगाल कर देख लें, 50 करोड़ लोगों को 5 लाख का बीमा सुरक्षा देना किसी भी सरकार ने नहीं किया।

 

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