नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने नए वित्तीय वर्ष में पहली मौद्रिक समीक्षा नीति की घोषणा कर रेपो रेट में 25 बीपीएस प्वाइंट की कटौती की है। जिससे तमाम लोगों को फायदा होना तय है। इससे अब लोगों की ईएमआई में कमी होने की संभावना है।
गौरतलब है कि अर्थशास्त्रियों और बाजार के अनुरूप आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस बात का एलान किया। अब रेपो रेट 6.25 फीसदी से घटकर छह फीसदी हो गया है। वहीं रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी हो गया है
अब जिन लोन की ईएमआई पर असर पड़ेगा उनमें होम, कार, पर्सनल, एजूकेशन लोन पर असर पड़ने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय अर्थव्यवस्था के जो हालात हैं, उसमें रेपो रेट की कटौती होना तय था।
ज्ञात हो कि बैंकिंग क्षेत्र के नियामक रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति कमेटी -एमपीसी- की द्विमासिक समीक्षा बैठक बुधवार को शुरू हो चुकी है। इस पर आर्थिक जगत की इसलिए भी ज्यादा नजर है, क्योंकि यह चालू वित्त वर्ष की पहली समीक्षा बैठक है।
वहीं अगर आर्थिक विश्लेषकों की बात करें या फिर क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की, उनका कहना है कि इस समय महंगाई की दर काबू में है। साथ ही इस समय औद्योगिक उत्पादन की गति भी कुछ कुंद है। इसलिए यह ब्याज दर में कटौती के लिए उपयुक्त समय है।
इससे पहले, बीते फरवरी में रिजर्व बैंक ने रेपो दर में चौथाई फीसदी की कमी की थी जो कि पिछले डेढ़ साल में पहली कटौती थी। आरबीआई गवर्नर पहले ही शेयरधारकों, औद्योगिक निकायों, जमा संगठनों, बैंकर और एमएसएमई प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनका पक्ष ले चुके हैं।