नई दिल्ली. अमेरिका जाकर नौकरी करना हर भारतीय का सपना होता है. अपने इस सपने को पूरा करने के लिए कई बार युवा एजेंटों के झांसे में आ जाते हैं. कुछ ऐसा ही दर्दनाक नजारा बुधवार को दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट में देखने को मिला. अमेरिका से 145 भारतीयों को अमेरिका से भारत भेजा गया था. इन युवाओं के हाथ और पैर बांधे जाने से फूल चुके थे और उनके चेहरे में डर और मायूसी साफ देखी जा सकती थी.
इन सभी 145 भारतीयों ने अपने सपने को पूरा करने के लिए एजेंटों को 25-25 लाख रुपये दिए थे. इन सभी लोगों को अवैध रूप से अमेरिका में घुसने के आरोप में वहां के इमिग्रेशन अधिकारियों ने पकड़ लिया था और डिटेंशन सेंटर में में कैद कर लिया था. एयरपोर्ट पर जब इन सभी भारतीयों को उतारा गया तो वह ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे. अमेरिका से जब उन्हें भारत भेजा गया तब उनके हाथ और पैर बंधे हुए थे. प्लेन से उतरने से ठीक पहले ही उनके हाथ-पैर खोले गए थे.
दिल्ली एयरपोर्ट में उतरे 145 भारतीयों में तीन महिलाएं भी थीं. इन भारतीयों के साथ 25 बांग्लादेशियों को भी अमेरिका से डिपोर्ट किया गया था. इन बांग्लादेशियों के कारण चार्टर्ड प्लेन को कुछ देर के लिए ढाका में भी रोका गया था. करीब 24 घंटे लंबे सफर की वजह से उनके चेहरे पर थकान साफ देखी जा सकती थी. अमेरिका से भेजे गए भारतीयों ने बताया कि उन्हें डिटेंशन कैंप में खाने-पीने के लिए ठीक से नहीं दिया जाता थी. यातनाओं के कारण वह बुरी तरह से टूट चुके थे.
अमेरिका से भारतीयों को भेजने का ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले 23 अक्टूबर को अमेरिका ने इसी तरह से 117 भारतीयों को वापस भारत भेज दिया था. इसी तरह 18 अक्टूबर को 311 भारतीयों को वापस भेजा गया था. ये सभी भारतीय बोइंग 747 से दिल्ली पहुंचे थे. इनमें से ज्यादातर पंजाब और हरियाणा के नागरिक थे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से मैक्सिको को धमकी दी गई थी कि अगर उनके देश ने गैर-कानूनी तरीके से देश में दाखिल होने वाले लोगों पर लगाम नहीं लगाई तो फिर आयात शुल्क में इजाफा कर दिया जाएगा.