नई दिल्ली. देशभर में प्याज के दाम आसमान छू रहा है. बाजारों में 100 से 110 रुपए प्रति किलोग्राम प्याज मिल रहे हैं. प्याज महंगे होने की वजह से रसोई का स्वाद बिगड़ गया है. इधर, प्याज पर अब सियासत शुरू हो गई है. विपक्षी दल प्याज को लेकर सरकार पर वार कर रहे हैं. इसी क्रम में समाजवादी युवा सभा के कार्यकर्ता लोन पर प्याज दे रहे हैं. वाराणसी सुंदरपुर में एक आभूषण की दुकान पर लोन पर प्याज दिया जा रहा है. समाजवादी पार्टी की युवा शाखा के कार्यकर्ताओं द्वारा संचालित कुछ दुकानों पर आधार कार्ड दिखाने पर प्याज लोन पर दिया जा रहा है.
यह एक तरह का विरोध प्रदर्शन है.यहां महिलाएं पायल गिरवी रखकर प्याज लेती दिखाई गईं. इतना ही नहीं प्याज को तिजोरी में बंद करके रखा गया गया है. दुकान के बाहर प्याज खरीदने वाले आधार कार्ड दिखाकर प्याज ले रहे हैं.
एक समाजवादी कार्यकर्ता ने कहा, हम लोग प्याज की महंगाई को लेकर इस तरह का विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हम लोग आधार कार्ड या फिर गहने को गिरवी रखकर प्याज दे रहे हैं. कुछ दुकानों के लॉकर में प्याज को बंद करके रखा गया है.
इधर, दिल्ली की आजादपुर मंडी में पिछले साल 29 नवंबर 2018 में प्याज का थोक भाव जहां 2.50-16 रुपये प्रति किलो था, वहां शुक्रवार को 20-62.50 रुपये प्रति किलो था.
कारोबारियों ने बताया कि खपत के मुकाबले आवक कम होने के कारण प्याज के दाम में वृद्धि हो रही है. शुक्रवार को आजादपुर मंडी में प्याज की आवक 1,045.6 टन थी, जबकि दिल्ली में प्याज की रोजाना खपत तकरीबन 2,000 टन है.
सरकार ने प्याज की महंगाई को थामने के लिए 1.2 लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया है, मगर दिल्ली के आजादपुर मंडी के कारोबारी और ओनियन मर्चेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा के आंकड़ों पर विश्वास करें तो देश में तकरीबन 50,000-60,000 टन रोजाना प्याज की खपत होती है. ऐसे में 1.2 लाख टन प्याज विदेशों से आने पर यह महज दो दिनों की खपत के बराबर होगी.