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74 फर्जी शिक्षकों की सेवा समाप्त होने से हड़कंप, वेतन की भी होगी रिकवरी

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मैनपुरी. उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जनपद में एसआईटी (SIT) द्वारा की गई जांच में 74 शिक्षकों को फर्जी घोषित किया गया है. इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) ने सभी शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त कर दिया. इन सभी की डिग्री आगरा के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय की है. ज्यादातर की डिग्री फर्जी पाई गई और कुछ शिक्षकों की मार्कशीट में फेरबदल करके अंक बनाए गए हैं. एसआईटी की जांच के बाद जिला चयन समिति ने भी सभी के खिलाफ रिपोर्ट कराने के निर्देश खंड शिक्षा अधिकारियों को दिए हैं. इन शिक्षकों से वेतन की भी रिकवरी की जाएगी.

एसआईटी की जांच में सामने आया कि ज्यादातर शिक्षकों ने फर्जी तरीके से अपने अंक पत्रों में फेरबदल करके अंक बढ़वा लिए तो कई ने B.Ed के फर्जी मार्कशीट लगा दिए. एसआईटी ने जब गंभीरता से जांच की तो पता चला कि बर्खास्त शिक्षकों में 33 लोगों के B.Ed के अंकपत्र ही फर्जी हैं. वहीं, 41 शिक्षकों ने फर्जी तरीके से अंकपत्रों में नंबर बढ़ा लिए थे. मार्कशीट में 30 से 40 अंक तक बढ़ाए गए थे.

एसआईटी द्वारा फर्जी घोषित किए गए शिक्षकों को जिला चयन समिति के निर्णय के बाद बर्खास्त किया गया है और अब इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं. इन शिक्षकों की बर्खास्तगी के साथ ही पिछले 10 साल में दिए गए वेतन की भी वसूली की जाएगी. बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह ने बताया कि सभी 74 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जाएगी.

यह था मामला- डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से वर्ष 2004-5 में B.Ed करने वाले जिले के 78 शिक्षकों को एसआईटी ने फर्जी घोषित किया था. साल 2017 में एसआईटी ने इन शिक्षकों की बर्खास्तगी के लिए सीडी बीएसए कार्यालय को भेजी थी. दो वर्ष तक चली कई चरणों की जांच के बाद 74 शिक्षकों की बर्खास्तगी जिला चयन समिति के निर्देश के बाद की गई.

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