नई दिल्ली। तमाम विरोध और अवरोधों को पार कर मंगलवार को आखिरकार को एसपीजी संशोधन बिल 2019 लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पारित हो गया। हालांकि इस दौरान कांग्रेस के सदस्यों ने वॉकआउट किया। राज्यसभा में बिल पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इस बिल का गांधी परिवार से कोई लेना देना नहीं है। न ही इसे राजनीतिक रंजिश की मंशा के साथ लाया गया है।
इसके साथ ही शाह
ने कहा कि
यह सच नहीं
है कि गांधी
परिवार को ध्यान
में रखते हुए
हम एसपीजी बिल
लेकर आए हैं।
उन्होंने कहा कि
बिल लाने से
पहले ही खतरे
की समीक्षा करने
के बाद गांधी
परिवार की सुरक्षा हटाई
गई थी। उन्होंने कहा
कि कोई राजनीति हित
नहीं और न
ही किसी सुरक्षा में
चूक होने देंगे।
गांधी परिवार के
साथ 130 करोड़ देशवासियों की
सुरक्षा का जिम्मा
भाजपा के पास
है।
वहीं इस बाबत अपनी बात रखते हुए गृह मंत्री
ने कहा कि
एसपीजी एक्ट में
यह पांचवां संशोधन
है। यह संशोधन
गांधी परिवार को
ध्यान में रखकर
नहीं किया गया
है। मैं भरोसे
के साथ कह
सकता हूं कि
पिछले चार संशोधनों को
ध्यान में रखकर
ऐसा किया गया
है न कि
किसी एक परिवार
को ध्यान में
रखकर।
इसके अलावा सफाई देते हुए साफगोई के साथ केंद्रीय गृह
मंत्री अमित शाह
ने कहा कि
सुरक्षा को प्रतिष्ठा का
सवाल नहीं बनाना
चाहिए। आखिर सिर्फ
एसपीजी की मांग
ही क्यों? एसपीजी
कवर सिर्फ देश
के मुखिया के
लिए है, हम
हर किसी को
यह सुरक्षा नहीं
दे सकते। हम
किसी एक परिवार
के खिलाफ नहीं
बल्कि परिवारवाद की
राजनीति के खिलाफ
हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री
ने कहा कि
गांधी परिवार की
सुरक्षा में वही
जवान तैनात हैं,
जो कभी एसपीजी
में रह चुके
हैं। उन्होंने कहा,
‘एसपीजी में बीएसएफ
के 33 प्रतिशत, सीआरपीएफ से
33 से 34 प्रतिशत, सीआईएसएफ से
17 प्रतिशत, आईटीबीपी से
9 प्रतिशत और अन्य
राज्यों की पुलिस
से 1 प्रतिशत जवान
हैं। पांच साल
बाद इन्हें इनके
संगठन में वापस
भेज दिया जाता
है।
उन्होंने बताया कि गांधी परिवार के तीनों सदस्यों की सुरक्षा में वहीं लोग लगाए गए हैं जो कभी एसपीजी में रह चुके हैं। अमित शाह ने कहा कि गांधी परिवार को वही सुरक्षा मिली हुई है, जो रक्षा मंत्री, गृृह मंत्री और राष्ट्रपति के पास है।
जबकि इस बिल पर बहस के दौरान अमित शाह ने वाम दलों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सीपीआई (एम) को तो हक ही नहीं है ये कहने का कि राजनीतिक द्वेष से सरकार चल रही है। आपने इसी द्वेष से केरल में भाजपा के 120 कार्यकर्ता मार दिए। अमित शाह के बयान पर वाम दल के सदस्यों ने विरोध जताया।