नई दिल्ली। लंबे वक्त तक जेल में रहने के बाद बेल मिलने पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री एक बार फिर अपनी रौ में नजर आ रहे हैं। क्योंकि आज जहां उन्होंने न सिर्फ संसद की कार्यवाही में हिस्सा लिया बल्कि प्रेस कांफ्रेस कर अर्थव्यवस्था समेत कई मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरा।
दरअसल गुरूवार को चिदंबरम तिहाड़ संसद पहुंचे और कहा कि सरकार संसद में उनकी आवाज दबा नहीं सकती। उन्होंने राज्यसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया। संसद परिसर में उन्होंने प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर प्रदर्शन के साथ ही प्रेस कांफ्रेंस की। जिसमें कई मुद्दों पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की हालत खराब है और प्रधानमंत्री मोदी इसपर कुछ नहीं बोल रहे हैं।
चिदंबरम ने कहा, ‘मंत्री के रूप में मेरा रिकॉर्ड और विवेक बिल्कुल स्पष्ट है। जिन अधिकारियों ने मेरे साथ काम किया, जिन उद्योगपतियों ने मुझसे बातचीत की और जिन पत्रकारों ने मेरा अवलोकर किया। वह इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं।’
यदि इस साल के खत्म होने तक विकास दर 5 प्रतिशत को छू लेता है तो हम भाग्यशाली होंगे। कृपया डॉक्टर अरविंद सुब्रमण्यम की चेतावनी को याद रखिये कि इस सरकार के अतंर्गत पांच प्रतिशत विकास दर संदिग्ध कार्यप्रणाली के कारण। यह असल में पांच प्रतिशत नहीं है बल्कि 1.5 प्रतिशत कम है। प्रधानमंत्री आमतौर पर अर्थव्यवस्था को लेकर चुप रहते हैं।
उन्होंने इसे अपने मंत्रियों के ऊपर छोड़ दिया है कि वे झांसा दें। इसका परिणाम यह निकला कि जैसा अर्थशास्त्री ने कहा, यह है कि सरकार अर्थव्यवस्था की अक्षम प्रबंधक बन गई है। उन्होंने कहा, ‘जैसा ही कल रात आठ बजे बाहर निकलकर मैंने स्वतंत्रता की हवा में सांस ली तो सबसे पहले मैंने कश्मीर घाटी के 75 लाख लोगों के लिए प्रार्थना की जिनकी चार अगस्त, 2019 से स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा हुआ है।
उन्होंने ने कहा मैं उन राजनेताओं को लेकर चिंतित हूं जिन्हें बिना किसी आरोप के गिरफ्तार किया गया है। स्वतंत्रता अविभाज्य है, यदि हमें अपनी स्वतंत्रता को संरक्षित करना है तो हमें उनकी स्वतंत्रता के लिए लड़ना चाहिए।’
जबकि वहीं केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘पी चिदंबरम जी ने पहले ही दिन अपनी जमानत की शर्त का उल्लंघन किया है। अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए शर्त रखी थी कि वह सार्वजनित तौर पर कोई बयान नहीं देंगे लेकिन आज उन्होंने कहा कि मंत्री के तौर पर उनका रिकॉर्ड एकदम स्पष्ट है।’