नई दिल्ली. राजनीति को अपराधियों के चंगुल से मुक्त कराने की दिशा में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक अहम आदेश देते हुए राजनीतिक दलों से कहा कि वह चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों का क्रिमिनल रेकॉर्ड को जनता के सामने रखे. कोर्ट ने कहा कि वह प्रत्याशियों के आपराधिक रेकॉर्ड को साइट पर अपलोड करे.
देश के सर्वोच्च न्यायालय ने साथ ही आगाह किया है कि इस आदेश का पालन नहीं किया गया, तो अवमानना की कार्रवाई की जा सकती है. राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा आदेश दिया. कोर्ट ने राजनीतिक दलों से कहा कि वे अपने प्रत्याशियों के आपराधिक रेकॉर्ड को अखबारों, बेवसाइट्स और सोशल साइट्स पर प्रकाशित करे.
इसके साथ ही पार्टियों से सवाल किया कि आखिर उनकी ऐसी क्या मजबूरी है कि वह आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशियों को टिकट देती हैं. सियासी दलों को ऐसे उम्मीदवार को चुनने के 72 घंटे के भीतर चुनाव आयोग को अनुपालन रिपोर्ट देनी होगी जिसके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं. जिन उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं उनके बारे में अगर राजनीतिक दल कोर्ट की व्यवस्था का पालन करने में असफल रहते हैं
तो चुनाव आयोग इसे शीर्ष अदालत के संज्ञान में लाएगा. तेजी से बढ़ा राजनीति में आपराधिकरण- राजनीति में बढ़ते आपराधिकरण पर चिंता जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बीते चार आम चुनाव से राजनीति में आपराधिकरण तेजी से बढ़ा है.